मुख्यमंत्री समन्वय से 23 शिक्षक स्थानांतरित, देर शाम को आदेश हुआ जारी
शिक्षक संगठनों ने आवाज नहीं उठाई तो स्थानांतरण पर रोक नहीं हटेगा , जरूरत मंद शिक्षकों के स्थानांतरण नहीं हो पाएंगे
रायपुर प्रवक्ता .कॉम दिनांक 15जनवरी 2025
कल देर शाम को मुख्यमंत्री समन्वय से शिक्षकों के स्थानांतरण की एक और सूची जारी हुई है ।जिसमें 23 व्याख्याता ,शिक्षक और सहायक शिक्षक एल बी संवर्ग का स्थानांतरण किया गया है।
अवर सचिव आर. पी .वर्मा के हस्ताक्षर से जारी आदेश में समन्वय से अनुमोदित सूची के अनुसार विष्णु शंकर साहू शिक्षक, श्रीमती हेमलता, सहायक शिक्षक, मणिकांत मरकाम, प्रधान पाठक, श्रीमति लक्ष्मी वर्मा, व्याख्याता, श्रीमति सुमन सिंह, व्याख्याता, श्रीमती पुर्णिमा ठाकुर, व्याख्याता, वंदना यादव, अभिलाषा मिश्रा, व्याख्याता, जितेंद्र कुमार साहू व्याख्याता , पवन कुमार पटेल व्याख्याता, थलेश साहू व्याख्याता ज्योसना पंडा व्याख्याता, झलक कुमारी व्याख्याता, विमला पटेल व्याख्याता, अपेक्षा अग्रवाल व्याख्याता, पी. कविता व्याख्याता, सुश्री ज्योति तिवारी व्याख्याता, शशिकला साहसी शिक्षक , राघवेंद्र शर्मा व्याख्याता ,राजेश कुमार राठौर व्याख्याता , रक्षा ताम्रकार शिक्षक, योगेश्वरी रंजन शिक्षक एल बी ,ग्रेस खेस्स शिक्षक एल बी को स्थानांतरित किया गया है।
मुख्यमंत्री समन्वय से स्थानांतरण जारी रहेंगे, शिक्षक संगठनों ने आवाज नहीं उठाई तो सामान्य स्थानांतरण पर बैन नहीं खुलेगा –
मुख्यमंत्री समन्वय स्थानांतरण सबको रास आ रहा है क्योंकि इस तरह के स्थानांतरण में नियमों का कोई निबंधन नहीं है शर्त है ।आपके पास विभागीय और नेताओं से अच्छा समन्वय रहे। आप समन्वय स्थानांतरण के माध्यम से छत्तीसगढ़ में कहीं भी स्थानांतरण करा सकते है।
मुख्यमंत्री से स्थानांतरण से इस तरह के आदेश लगातार निकलने की जानकारी मिली है।
ऐसे आदेश एक दो दिन और आयेंगे।
आचार संहिता 21 या 22 तक अगर लगती है तो एक महीने बाद भी इस तरह के स्थानांतरण जारी ही रहेंगे ।
मुख्यमंत्री समन्वय से स्थानांतरण की कोई प्रकिया नहीं है ।
कोई समय बंधन भी नहीं है।
शिक्षक संगठनों को आवाज उठाना चाहिए·–
राज्य में हज़ारों ऐसे शिक्षक हैं जो सालों से स्थानांतरण की प्रतिक्षा में हैं जिनको फ्री एंड फेयर स्थानांतरण की जरूरत है लेकिन कोई भी सरकार उनको स्थानांतरण की सुविधा देना नहीं चाहती है ।
बी जे पी के संगठन को भी सब कुछ दिख रहा है।
मंत्री और विधायक को भी सब कुछ पता है लेकिन सब खामोश हैं।
मुख्यमंत्री समन्वय स्थानांतरण से दिक्कत नहीं है लेकिन समस्या उनके लिए है जिनका कोई राजनैतिक लिंक नहीं है। ऐसे शिक्षकों को सामान्य स्थानांतरण इस नीति के तहत मिल ही नहीं सकता । इसलिए इसके विरुद्ध शिक्षकों के हितैषी संगठनों की जिम्मेदारी बनती है कि सरकार से स्थानांतरण पर रोक हटाने के लिए दबाव बनाएं।