जापान-मध्यप्रदेश औद्योगिक सहयोग फोरम की स्थापना के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली
मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में प्रेस वार्ता कर चार दिवसीय जापान यात्रा की दी जानकारी
जापान के सहयोग से मध्यप्रदेश को बनाएंगे आइडियल इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल : प्रवक्ता.कॉम दिनांक 2 फरवरी 2025
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव चार दिवसीय जापान यात्रा (28-31 जनवरी) पूरी कर शनिवार (1 फरवरी) की शाम स्वदेश लौट आए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नई दिल्ली में प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि यात्रा में उन्होंने जापानी निवेशकों और उद्योगपतियों को भोपाल में 24-25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जापानी कंपनियों ने मध्यप्रदेश में निवेश करने की गहरी रुचि दिखाई है और कई प्रमुख कंपनियां आगामी समिट में हिस्सा लेंगी। उन्होंने जापान के विभिन्न उद्योगपतियों, निवेशकों के साथ बिजनेस टू बिजनेस (बी-टू-बी) और जापान सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (जी-टू-जी) मुलाकात की और प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर विस्तार से बात की।
जापान-मध्यप्रदेश औद्योगिक सहयोग फोरम की स्थापना के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली, जिससे प्रदेश में जल्द ही जापानी इंडस्ट्रियल पार्क, कौशल विकास केंद्र और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग हब स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए जापान प्लस सेल की भी स्थापना की जाएगी, जो जापानी निवेशकों के साथ निरंतर संपर्क और फॉलोअप करेगी। मुख्यमंत्री ने जापान के उद्योगपतियों और निवेशकों को फरवरी में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS-2025) में आमंत्रित किया, जिससे निवेश के नए अवसर खुलेंगे।
जापान होगा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का कंट्री पार्टनर
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार जापान, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कंट्री पार्टनर के रूप में शामिल होगा। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। डॉ. यादव ने बताया कि जापानी कंपनियों ने मध्यप्रदेश में मेडिकल डिवाइस, ऑटोमोबाइल्स, मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्सटाइल (रेडिमेड गारमेन्ट्स) सेक्टर में निवेश करने की इच्छा जताई है। जापानी कंपनियों का निवेश मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगा। जापानी कंपनियों के सहयोग से हम प्रदेश को इन्वेस्टमेंट के लिए एक ‘आइडियल डेस्टिनेशन’ और ‘इंडस्ट्री फ्रेंडली स्टेट’ बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
मध्यप्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार उद्योगों के विकास के लिए बेहतर अधोसंरचनाएं, सरल निवेश नीतियां और निवेशकों को एक बेहद अनुकूल वातावरण उपलब्ध करा रही है। उन्होंने जापानी निवेशकों को विश्वास दिलाया कि वे बेहिचक यहां निवेश करें, राज्य सरकार उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। इस सफल यात्रा से जापानी कंपनियों द्वारा मध्यप्रदेश में किया जाने वाला निवेश यहां रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और औद्योगिक विकास को गति भी देगा। जापान यात्रा मध्यप्रदेश को “निवेश का हब” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 का आयोजन भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में होगा, जहां विभिन्न देशों के निवेशक और उद्योगपति भाग लेंगे।
जापान भारत का पांचवा सबसे बड़ा निवेशक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि वर्तमान में जापान, भारत का पांचवां सबसे बड़ा निवेशक है, जिसने पिछले दो दशकों में भारत में 38 बिलियन डॉलर से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 20 बिलियन डॉलर का है, जो निरंतर बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में पहले से ही कई प्रमुख जापानी कंपनियां सफलतापूर्वक कार्यरत हैं। ब्रिजस्टोन ने पीथमपुर में अपना विश्वस्तरीय टायर उत्पादन संयंत्र स्थापित किया है, जो रोजगार सृजन और निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। पैनासोनिक जैसी दिग्गज कंपनी ने मध्यप्रदेश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। एनएसके, सानोह और कामात्सु जैसी जापानी कंपनियां भी प्रदेश में कार्यरत हैं, जो ऑटोमोटिव और मशीनरी क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं। व्यापार के क्षेत्र में मध्य प्रदेश से जापान को होने वाला निर्यात निरंतर बढ़ रहा है। यह दोनों क्षेत्रों के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंधों का प्रमाण है।
टोक्यो की गवर्नर श्रीमती कोइके के साथ हुई ऐतिहासिक बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि टोक्यो विश्व की सबसे विकसित महानगरीय अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर है। श्रीमती युरिको कोइके के साथ हुई बैठक में शहरी विकास के नए आयामों पर चर्चा हुई। टोक्यो मेट्रोपॉलिटन गवर्नमेंट की विशेषज्ञता का लाभ मध्यप्रदेश के शहरों को मिलेगा। भोपाल और इंदौर के लिए मेट्रो रेल प्रौद्योगिकी, स्मार्ट सिटी समाधान, जल प्रबंधन और कचरा प्रबंधन में विशेष सहयोग प्राप्त होगा। टोक्यो के विकास मॉडल को मध्यप्रदेश में अपनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।