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नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के एग्जिट और विड्रॉल नियमों में बड़े बदलाव पेंशन फंड में 8 लाख जमा तो निकाल सकते हैं पूरी रकम

पेंशन फंड में 8 लाख जमा तो पूरा निकाल सकेंगे, एंट्री-एग्जिट उम्र 75 से 85 साल, नेशनल पेंशन स्कीम में बदलाव, प्राइवेट कर्मचारियों के लिए एन्युटी लिमिट 20 फीसदी हुई

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एजेंसी नई दिल्ली

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथर्थारिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के एग्जिट और विड्रॉल नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। अपडेटेड नियमों के मुताबिक, अगर NPS में कुल जमा 8 लाख रुपए या उससे कम है, तो आप अपना पूरा पैसा निकाल सकते हैं। पहले ये लिमिट 5 लाख रुपए थी।

गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए जमा का सिर्फ 20% हिस्सा एन्यूटी खरीदने में लगाना जरूरी रह गया है, पहले ये 40% था। यानी अब वे 80% तक लंपसम निकाल सकते हैं।

NPS or national pension scheme with wooden bids or blocks on Indian rupees notes.

एंट्री और एग्जिट एज अब 85 साल तक बढ़ाई गई

पहले NPS से पूरी तरह बाहर निकलने की उम्र 75 साल थी, अब इसे बढ़ाकर 85 साल कर दिया गया है। वहीं, कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद भी अकाउंट एक्टिव रख सकते हैं, लंपसम या एन्युटी खरीदना कम या ज्यादा कर सकते हैं।

EPFO

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन

12 लाख से ज्यादा जमा पर

निकासी के नियम

अगर जमा 12 लाख से ज्यादा है, तो 20% एन्यूटी और बाकी लंपसम या स्टेगर्ड (टुकड़ों में) निकासी कर सकते हैं। अगर जमा 8 से 12 लाख के बीच है, तो 6 लाख तक लंपसम और बाकी सिस्टेमेटिक विड्रॉल ऑप्शन से निकाल सकते हैं। नए नियमों से छोटे निवेशकों को रिटायरमेंट पर कैश की जरूरत पूरी करने में आसानी होगी और कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर ज्यादा विकल्प मिलेंगे। सरकार ने 16 दिसंबर को नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी।

सरकारी कर्मचारियों के लिए यह किए गए बदलाव

गवर्नमेंट एम्प्लॉई के लिए पन्युटी का नियम पहले जैसा ही है, यानी बड़े कॉर्पस (जमा) पर कम से कम 40% एन्यूटी में लगाना पड़ता है। लेकिन छोटे जमा 18 लाख तक) पर पूरा पैसा लंपसम निकालने की लिमिट बढ़ गई। कर्मचारी 8-12 लाख कॉर्पस पर 6 लाख तक लंपसम और बाकी सिस्टेमेटिक पेआउट या एन्यूटी के निकाल सकेंगे। नए नियमों में सिस्टेमेटिक यूनिट रिडेम्प्शन का ऑप्पान जोड़ा गया है। कर्मचारी पूरा पैसा धीरे-धीरे निकाल सकते हैं।

पहले क्या थे नियम

उल्लेखनीय है कि नेशनल पेंशन स्कीम के तहत पहले नॉन-गवर्नमेंट एम्प्लॉई के लिए 40 प्रतिशत एन्यूटी अनिवार्य थी। सरकारी कर्मचारियों के लिए भी बड़े कॉर्पस पर सख्त नियम थे। दूसरी ओर छोटे कॉर्पस पर लिमिट कम थी और एन्जिट एज भी सीमित। PFRDA ने इन बदलावों से नेशनल पेंशन स्कीम को ज्यादा अट्रैक्टिव बनाने की कोशिश की है, ताकि लोग रिटायरमेंट सेविंग्स के लिए इसे चुनें।

आगे क्या असर पड़ेगा

ये बदलाव सब्सक्राइबर्स को अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा यूज करनेकी आजादी देंगे। वहीं छोटे इन्वेस्टर को पूरा कैश मिलेगा, बड़े को ज्यादा लंपसम कैश मिलेगा। लेकिन एन्यूटी कम होने से लॉन्ग टर्म पेंशन इनकम पर असर पड़ सकता है।

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