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केंद्र सरकार ने 8 वें वेतनमान से संबंधित टर्म ऑफ रेफरेंस को दी मंजूरी केंद्रीय कर्मचारियों पर एक जनवरी 2026 से होगा लागू

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश को आठवें वेतन आयोग का अध्यक्ष बनाया गया, 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स को होगा फायदा

रायपुर प्रवक्ता.कॉम 29 अक्टूबर 2025

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नई दिल्ली /प्रवक्ता.कॉम

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। केंद्र सरकार ने सोमवार को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन से जुड़ी औपचारिक प्रक्रिया पूरी करते हुए उसके टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआर) को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज न्यायमूर्ति रंजन प्रकाश देसाई को आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस वार्ता में बताया कि आयोग को अपनी सिफारिशें 18 महीनों के भीतर प्रस्तुत करनी होंगी। सरकार का इरादा है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू की जाएं। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि सरकार ने जनवरी 2025 में ही 8वें वेतन आयोग को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी गई थी। इतने कम समय में 8वें वेतन आयोग के लिए गठन भी कर दिया गया है। इसके लिए काफी सलाह मशविरा की जाती है। कई मंत्रालय जिनमें डिफेंस, होम, रेलवे हो गया जैसी बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी होते हैं, वहां से सलाह ली जाती है। इन सब सलाह मशविरा के बाद ये टर्म ऑफ रेफरेंस बनाया गया है। बता दें कि टर्म ऑफ रेफरेंस किसी आयोग, समिति या संस्था को काम करने के लिए सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश और दायरा होता है। (शेष पेज 8 पर)

आयोग किन बातों का रखेगा ध्यान

देश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता।

यह सुनिश्चित करना कि विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहें।

गैर-योगदान आधारित पेंशन योजनाओं की लागत पर विचार।

राज्य सरकारों पर पड़ने वाले वित्तीय असर, क्योंकि राज्य सरकारें भी आमतौर पर केंद्र की सिफारिशों को अपनाती है।

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन, भत्तों और कार्य परिस्थितियों की तुलना।

कितनी सैलरी बढ़ सकती है

उम्मीद की जा रही है कि 7वें वेतन आयोग के लागू होने पर जिस फॉर्मूले के तहत कर्मचारियों की सैलरी बढ़ी थी, उसी आधार पर 8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी में इजाफा होगा। जब 7वां वेतन आयोग लागू किया गया था तो कर्मचारियों की मिनिमम बेसिक सैलरी 7000 हजार रुपये से बढ़कर सीधे 18000 रुपये हो गई थी। इसी तरह, अगर 8वें वेतन आयोग में भी 7वां वेतन आयोग वाला फॉर्मूला लागू किया जाता है तो कर्मचारियों की मिनिमम बेसिक सैलरी 18000 रुपये से बढ़कर सीधे 51,480 रुपये हो जाएगी।

कब-कब बने वेतन आयोग

5वां वेतन आयोग अप्रैल 1994 में गठित हुआ था। रिपोर्ट जनवरी 1997 में सरकार को सौंपी गई, लेकिन सिफारिशें 1 जनवरी 1996 से ही लागू हो गई। पहले 51 पे स्केल्स थे, इन्हें घटाकर 34 कर दिया। छठा वेतन आयोग 20 अक्टूबर 2006 को स्थापित हुआ रिपोर्ट मार्च 2008 में तैयार होकर सरकार के पास पहुंची। अगस्त 2008 में रिपोर्ट को मंजूरी मिली और सिफारिशें 1 जनवरी 2006 से लागू हुई। 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना और मार्च 2014 तक टर्म्स ऑफ रेफरेस फाइनल हो गए। रिपोर्ट नवंबर 2015 में सौंपी गई। जून 2016 में सरकार ने अप्रूव किया और सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हो गई।

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