शिक्षिका के पति से डिजिटल अरेस्ट कर 3.50 लाख की ठगी– प्रधानमंत्री ने भी मन की बात कार्यक्रम में इसे बड़ा खतरा बताया था
ठगों ने घंटों डिजिटली बंधक बनाए रखा, किसी को घटना के बारे में बता तक नहीं सके, डिजिटल अरेस्ट से जागरूकता ही बचाव है , यह ठगी का सबसे नया तरीका
( गरियाबंद)/छुरा प्रवक्ता .कॉम /छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के छुरा में शिक्षिका के पति से डिजिटल अरेस्ट कर 3.50 हजार की ठगी किए जाने का सनसनी खेज मामला सामने आया है , जिसमें ठगों ने शिक्षिका के पति को ऑनलाइन फोन करके कहा कि उनका बेटा जो कि बाहर भिलाई में रहकर पढ़ाई करता है ,वह रेप के एक मामले में फंस गया है।
वाट्सअप पर किए गए इस कॉल में एक पुलिस अधिकारी की डी.पी. देखकर, उनके पति डर गए , सामने फोन काल से पैसे की डिमांड होने लगी, पहले एक लाख दस हजार मांगे गए।पूरी ठगी के दौरान काल कर रहे फर्जी पुलिस अधिकारी ने काल को अपने बड़े अधिकारी को ट्रांसफर कर कहा कि इस घटना की जानकारी उनके बड़े अफसरों को हो गई है लिहाजा और पैसे देने पड़ेंगे कहा गया ,फिर 2लाख रुपए उनके बताए गए बैंक खाते पर टांसफार कराए गए।
शिक्षिका के पति को ठगों ने मानसिक रूप से इतना डरा दिया था कि इस दौरान वह अपने बच्चे और पत्नी तक को काल नहीं कर सके ।किसी को कुछ भी बता सकने स्थिति में नहीं रहे।
पिताजी को उनके बच्चे को हुबहु आवाज भी सुनाई गई , जिसे सुनकर वो और डर गए, यह एक तरह की आवाज की चोरी है जिसे वॉयस क्लोनिंग कहते हैं।
बता दें कि शिक्षिका के पति के पास उस दौरान कोई पैसे नहीं थे ,पत्नी भी घर पर नहीं थीं ,उन्होंने बाहर जाकर व्यापारियों उधार में पैसे लेकर ऑनलाइन ट्रांसफर किया। अब आप उनके मानसिक स्थिति की कल्पना कर सकते हैं कि ठगों ने किस हद तक उनको दिमागी तौर पर बंधक बना लिया था। उन्होंने डरा कर फिर 50000 ट्रांसफर कराए।इस तरह कुल 3लाख 60 हजार रुपए ,डलवा लिए गए थे।
बाद में ठगों ने फिर डिमांड बढ़ा दी और अब 10लाख तक देने की मांग करने लगे
शिक्षिका ने बताया कि उनके पति इतना डरे थे कि उन्होंने पैसे लेने के लिए साथ गए उनके भतीजे से भी घटना का जिक्र नहीं किया। अचानक उनको बहुत परेशान और पैसे ट्रांसफर करते देखकर शक हुआ तब उसने कहा कि यह एक फ्रॉड कॉल है।तब काल काटकर मामले की रिपोर्ट करने थाने गए।
जहां पर अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध आन लाइन ठगी का अपराध पंजीबद्ध किए गया है।
यही है डिजीटल अरेस्ट ,जिसके बारे में प्रधानमंत्री मोदी तक अपने मन की बात कार्यक्रम में जिक्र कर चुके है
डिजिटल अरेस्ट ऑनलाइन ठगी का सबसे लेटेस्ट वर्जन है – इसमें सामने वाले को वाट्सअप पर एक कॉल आता है ,फिर उससे जुड़ी कोई चीज या बात बताई जाती है जैसे इस प्रकरण में हुआ। यही नहीं कभी आनलाइन शॉपिंग आर्डर एक्स कभी उसके नाम से कुरियर जिसमें ड्रग्स है या कभी उसके परिचित या खुद के किसी अपराध में संलिप्त होने की झूठी किंतु असली लगने वाली कहानी इस तरह से बताई जाती है कि सामने वाला उनके झांसे से निकल ही नहीं पाता है ।कई घंटों तक अलग अलग व्यक्ति सरकारी अफसर बनकर धमकाते हैं और फर्जी दस्तावेज तक दिखा देते हैं।फिर पैसों की मांग होती है।
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता से कहा था कि हर नागरिक को ऑनलाइन ठगी के प्रति सतर्क होने की आवश्यकता है – तभी इससे बचाव संभव है।
डिजिटल अरेस्ट में कई घंटे तक पीड़ित निकल ठगों के जाल से निकल ही नहीं पाता है।
शिक्षिका के पति दोपहर 12 से शाम तक इस दौरान बंधक की तरह रहे।
डिजिटल अरेस्ट से बचाव ऐसे करें –
जागरूकता बहुत जरूरी है इसलिए क्या करें अगर किसी भी ऑनलाइन प्लेटफार्म से कोई भी कॉल आए ,तब
इस विषय में कानून के जानकार और साइबर विशेषज्ञ बताते हैं कि आप सबसे पहले इस तरह के काल पर बात न करें। दूसरा किसी भी संस्थान के नाम पर कोई कॉल आए तो उस जगह से काल की वेरिफाई करें।
कोई भी थर्ड पार्टी एक्सेस ऐप अपने मोबाइल पर डाउन लोड न करे।
जैसे की any desk इसी ऐप से सबसे ज्यादा ठगी होती है।
कोई भी नंबर गूगल से सर्च कर काल न करें।
किसी भी कंपनी की आधिकारिक कस्टमर केयर नंबर पर ही कॉल करे
और अगर फिर भी इस तरह का कुछ हो जाए तो सबसे पहले ,अपने बैंक को कॉल करके पूरी घटना बताएं और एकाउंट ब्लॉक करें फिर पुलिस स्टेशन जाकर एफ,. आई. आर .दर्ज कराएं।