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लोक शिक्षण संचालनालय को भरना होगा 50 हजार का जुर्माना हाईकोर्ट ने दिया आदेश नहीं दी थी शिक्षक को पदोन्नति

आगर मालवा (मध्य प्रदेश)/ प्रवक्ता.कॉम 10 दिसंबर 202

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मध्यप्रदेश में एक शिक्षक को पदोन्नति नहीं देना लोक शिक्षण संचालनालय को भारी पड़ गया । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षक को पदोन्नति हेतु पात्र मानते हुए पदोन्नति सहित सभी लाभ देते हुए लोक शिक्षण संचालनालय को 50 हजार रुपए का जुर्माने को भरने का आदेश दिया है । इस आदेश के बाद संचालनालय के अफसरों में हड़कंप है जो इन सबके लिए जिम्मेदार थे।

क्या था मामला और क्यों लगा जुर्माना

आगर-मालवा जिले के शिक्षक राधेश्याम रैकवार को पदोन्नति नहीं देने का प्रकरण हाईकोर्ट इंदौर की खंडपीठ में चल रहा था। 14 साल चली लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद इंदौर हाईकोर्ट के तत्कालीन जस्टिस विवेक रूसिया ने करीब दो साल पहले नवंबर 2023 में फैसला सुनाया। आदेश में शिक्षक राधेश्याम रैकवार को 1 अप्रैल 2009 से 14 जुलाई 2022 के बीच की एरियर की राशि देना होगी। प्रथम व द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ देना होगा। मामले में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा, आयुक्त लोक शिक्षण समेत अन्य पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। विभाग के अफसरों ने उक्त आदेश पर अमल नहीं किया।

डीपीआई ने भी न्यायालय में आदेश रद्द करने की लगाई थी गुहार

विभाग ने लगाई थी याचिका मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने डबल बेंच में रिट अपील लगाई। जिसे डबल बेंच ने खारिज कर दिया है। दिसंबर 2025 में यह फैसला न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला व न्यायमूर्ति विनोद कुमार द्विवेदी ने सुनाया है। पैरवी वकील अरविंद शर्मा ने की थी। विभाग के आधा दर्जन अधिकारी उत्तरदायी पदोन्नति मामले में डीईओ आगर-मालवा आरजी शर्मा, पूर्व डीईओ अनिल कुशवाहा, लोक शिक्षण के अधिकारी सीएम उपाध्याय, अधीक्षक अशोक बैन, सहायक ग्रेड वन अनिता पंवार, असिस्टेंट ग्रेड वन संदीप इरपाचे को उत्तरदायी माना है।

हाईकोर्ट की डबल बेंच ने याचिका की खारिज, अब देने होंगे सभी आर्थिक लाभ भी देंगे होंगे अब डीपीआई को 50 हजार का जुर्माना भरना ही होगा। डीपीआई आयुक्त को हाईकोर्ट की डबल बेंच से भी राहत नहीं मिली है। साथ ही शिक्षक को सभी आर्थिक लाभदेना होंगे, हालांकि अब शिक्षक राधेश्याम सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।

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