जिला शिक्षा अधिकारी को मनमानी की खुली छूट क्यों आखिर कब होगी कार्यवाही ? सर्विस बुक संधारण के लिए वाट्सअप पर शिक्षकों से संपर्क करने के पीछे का राज क्या है ? कलेक्टर से जांच की मांग
सेवा पुस्तिका सत्यापन के नाम पर उगाही का नया ट्रेंड, खुलेआम सोशल मिडिया के माध्यम से मो.नं.पर एक घंटे के अंदर शिक्षकों को संपर्क करने भेजा संदेश। आखिर यह किसके सह पर? स्कूल शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे मे….. उच्चाधिकारियों से करेंगे शिकायत - ओमप्रकाश बघेल
रायपुर/ कोरबा प्रवक्ता.कॉम 05 दिसंबर 2025
स्कूल शिक्षा विभाग जिला कोरबा के अधीनस्थ विभिन्न विकासखंडों में सेवा पुस्तिका सत्यापन के नाम पर उगाही से सम्बंधित मामले का समाचार Prawakta.com पर पब्लिश होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के द्वारा इस प्रकरण पर जांच कराने के संबंध में एक निर्देश जरूर जारी हुआ था जो महज एक खाना पूर्ति की प्रक्रिया के तहत की गई थी , असल में जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा किए गए कई कार्य उनके कार्य प्रणाली की अभिव्यक्ति के लिए पर्याप्त हैं । फिर चाहे वो स्थानांतरण के तीन वर्ष बीत जाने के बाद ज्वाइन कराने का मामला हो या फिर संकुल समन्वयक की नियुक्ति का , कोरबा जिले का शिक्षा महकमा नियम कायदों से नहीं बल्कि मनमाने तरीके से कार्य कर रहा है।
तीन हजार वसूली की जांच पूरी भी नहीं हुई ,एक संकुल समन्वयक ने शिक्षकों को सर्विस बुक संधारण के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी कर दिया ऐसा अधिकार किसने दिया –
कौन है मुकुंद उपाध्याय और शिक्षक शिक्षिकाओं से वो नम्बर जारी करके संपर्क करने की अपील क्यों कर रहा है। इसकी जांच जरूरी है इस वाट्सअप चैटिंग से ऐसा लगता है कि यहां बाकायदा एक नेटवर्क काम कर रहा है।जो कि जरूरतमंद शिक्षकों के कार्य को करवाता है। सर्विस बुक का सत्यापन एक विभागीय प्रक्रिया है जो कि नियमानुसार किया जाना है। एक शिक्षक ने पैसे लिए जाने की बात की स्वीकारोक्ति भी कर दी है। अब क्या साक्ष्य विभाग चाहिए।

।स्कूल शिक्षा विभाग कोरबा द्वारा मामले की लीपापोती के कई हथकंडे अपनाये गए, जाँच के अद्भुत तरीका अपनाते हुए शिकायतकर्ता या प्रभावित कर्मचारियों से नहीं बल्कि कुछ संगठन के पदाधिकारियों द्वारा पूछा गया एवं लिखित रूप मे मांग की गई कि ऐसी कोई गतिविधि हुई है या नही।जबकि सत्यता यह है कि प्रभावित कर्मचारियों द्वारा पदाधिकारियों को मौखिक रूप से सेवा पुस्तिका सत्यापन के नाम पर मांग करने के सम्बन्ध मे जानकारी दी गई।
राज्यपाल पुरूस्कृत शिक्षक/CAC बना माध्यम

एक राज्यपाल पुरुस्कृत CAC शिक्षक के द्वारा कई शिक्षकों को फोन कर सेवा पुस्तिका सत्यापन के नाम पर पैसे की मांग की गई उनके द्वारा कई समूह में सोशल मीडिया के माध्यम से भी लिखित संदेश एवं चैटिंग कर तथा बाकायदा मोबाईल नंबर देकर सेवा पुस्तिका सत्यापन करा देने की बात कही गई, सेवापुस्तिका किसी भी शासकीय कर्मचारी/ शिक्षक का गोपनीय दस्तावेज के रूप मे माना जाता है जिसे किस अधिकार के तहत सेवा पुस्तिका सत्यापन करा देने की मांग किसी सामान्य शिक्षक द्वारा की जाती है,क्या ऐसी क्रिया कलाप गैर कानूनी एवं गरिमाहीन नही है। क्या?इस शिक्षक को विभागीय कार्यवाही का थोड़ा भी डर नहीं या फिर इस CAC शिक्षक को कोई विभागीय अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है। क्या?विभागीय अधिकारियों को इस प्रकार शिक्षक के द्वारा की जा रही विधि विरुद्ध एवं गैर कानूनी हरकत के लिए कार्यवाही नहीं किया जाना चाहिए। उक्त शिक्षक के कई ऐसे गैर एवं अनैतिक कार्य विभाग में प्रचलित है जो नियम विरुद्ध कार्यों को बढ़ावा मिल रहा है।
महत्वपूर्ण शासकीय आदेश एवम जानकारियां सर्वप्रथम राज्यपाल पुरुस्कृत CAC को ही क्यों?
विभागीय अधिकारियों द्वारा कर्मचारी/ शिक्षकों के नाम पर किसी भी प्रकार के आदेश जो विभाग द्वारा जारी होते ही सबसे पहले इनको प्राप्त होता है और इनके द्वारा शासकीय समूहों एवं अन्य शिक्षक/ कर्मचारी संगठन समूहों में प्रेषित किए जाते हैं तथा अपना महिमामंडन किया जाता है जिसके लिए पूरे ये जिले विख्यात है
अधिकांश कार्यलयीन दिवसों में जिला कार्यलय में सायं 5 बजे के बाद रहती है इनकी दखलंदाजी
कार्यलयीन दिवस के प्रत्येक शाम को जिला शिक्षा कार्यालय में बैठे दिखाई पड़ते हैँ जहाँ शिक्षकों से सम्पर्क कर व्यक्तिगत कार्य सम्पन्न कराते है।
संकुल समन्वयक की नियुक्ति में भी मनमानी – कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा किस तरह स्वेच्छाचारिता पूर्ण कार्य किया जाता है । उसका प्रत्यक्ष उदाहरण यह है कि
संकुल प्राचार्य के द्वारा प्रेषित प्रस्ताव को किया गया दरकिनार कर
संकुल प्राचार्य के द्वारा संकुल में कार्यरत अन्य शिक्षक को CAC के रूप में प्रस्तावित किया गया था परंतु विभागीय अधिकारी से अपनी निकटता दिखा कर सभी मापदंडों को दरकिनार कर एक राज्यपाल पुरुस्कृत शिक्षक को CAC बनाया गया पूरे छत्तीसगढ़ में सम्भवतः ये प्रथम मामला होगा जहाँ एक राज्यपाल पुरुस्कृत शिक्षक को CAC बनाया गया है जबकि राज्यपाल पुरुस्कृत शिक्षक का कार्य बेहतरीन ढंग से अध्ययन अध्यापन करा कर छात्रों के भविष्य संवारने का होना चाहिए लेकिन ये शिक्षक तो सांठ गांठ में महारत हासिल किए हुए है ।


राज्यपाल पुरुस्कृत शिक्षक/CAC की कॉल डीटेल्स एवम चैटिंग की हो जांच आवश्यक
जिले के शिक्षा महकमे में जारी अराजकता की जांच होने पर कई तरह का खुलासा होगा इसके पीछे कौन कौन हैं कि असलियत सामने आएगी ।
यदि इनके गैर एवं अनैतिक कार्यों की जांच की गई और उनके मोबाइल फोन का कॉल डिटेल एवं चैटिंग का डिटेल्स निकल जाए तो बड़ी-बड़ी अनैतिक एवं गैर कानूनी कार्य प्रणालियों का खुलासा हो सकेगा एवं साथ ही किन-किन अधिकारियों के संरक्षण में किस प्रकार अनैतिक एवं नियम विरुद्ध कार्यों को बढ़ावा मिल रहा है, स्पष्ट हो जायेगा? जाँच का विषय है।
संयुक्त शिक्षक संघ और छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ ने कहा उच्चाधिकारियों से करेंगे शिकायत –
छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश बघेल एवं छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ बिलासपुर संभाग के संभागीय अध्यक्ष तरुण सिंह राठौर द्वारा विभागीय उच्च अधिकारियों से मांग की गई है की ऐसे हो रही गैर एवं अनैतिक गतिविधियों पर जांच की जाए एवं संलिप्त CAC शिक्षक,कर्मचारी एवं अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
कलेक्टर से हुई शिकायत –

इस संबंध में संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश बघेल ने जिला कलेक्टर से इस संबंध में मिलकर जांच कराने की मांग की है। जिला शिक्षा अधिकारी ने संकुल प्राचार्य के अनुशंसा को दरकिनार कर संकुल समन्वयक बनाया है। उसने जिले में शिक्षकों को एक नंबर जारी कर पर्सनाली मिलने के लिए वाट्सअप पर लिखा है। जिसके साक्ष्य हैं ।इस चैटिंग के आधार पर सबसे पहले उनको संकुल समन्वयक के पद से हटाते हुए जिला प्रशासन के द्वारा नियुक्त जांच अधिकारी से इस पूरे मामले की जांच आवश्यक है । वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यकाल में जिले का नाम अलग अलग प्रकरण के चलते बदनाम हो रहा है ।






