हाईकोर्ट ने बी. ई .ओ. का प्रभार मांगने वाले व्याख्याता को मूल शाला भेजने का आदेश दिया
बिना काम किए लगभग दो साल से अधिक समय तक वेतन ले रहे फिरोज खान व्याख्याता को अंततः उच्च न्यायालय ने झटका देते हुए मूल शाला भेजे जाने का आदेश दिया है ।
ज्ञात हो कि फिरोज खान को कांग्रेस शासन काल में पंडरिया का बी ई ओ बनाया गया था जहां पर पहले से ही जी. पी .बनर्जी प्राचार्य बी .ई .ओ .थे। उनको हटाकर व्याख्याता को भी ई ओ बनाए जाने से नाराज पूर्व बी .ई.ओ. जी .पी .बनर्जी उच्चन्यायालय चले गए ,कोर्ट के आदेश पर जी .पी .बनर्जी ने बी. ई .ओ .का चार्ज लिया लेकिन शासन ने फिरोज खान का आदेश निरस्त नहीं किया ।इस तरह पंडरिया में दो –दो बी. ई. ओ .कार्य करते रहे ।
फिरोज खान केवल हस्ताक्षर करने कार्यालय जाते थे । ये सब चलता रहा और लोक शिक्षण संचनालय ने कोई भी कार्यवाही नहीं किया।
अब प्रकरण में अचानक नया मोड तब आया , जब बी. ई ओ. रहे जी. पी .बनर्जी जिला प्रशाशन के समस्या निवारण शिविर में नशा करके जाने के आरोप में निलंबित हो गए ।तब फिरोख खान ने जिला शिक्षा अधिकारी से पुनः बी .ई .ओ .का प्रभार देने के लिए अपने पूर्व के आदेश का हवाला देते हुए मांग की जिसे जिला शिक्षा अधिकारी कबीरधाम ने अस्वीकार करते हुए सहायक संचालक एम. के. गुप्ता को पंडरिया बी .ई .ओ .का प्रभार दे दिया । न्यायालय ने व्याख्याता को नियम विरुद्ध बी ई ओ बनाए जाने पर गहरी नाराजगी भी व्यक्त किया है ।
इससे नाराज होकर फिरोज खान इस बार कोर्ट गए और उन्होंने न्यायालय से अपने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी के माध्यम से उनको बी. ई. ओ .बनाए जाने के संबंध में आदेश पारित करने का आग्रह किया। अब उच्च न्यायालय ने फिरोज खान की याचिका को खारिज करते हुए तत्काल मूल शाला हायर सेकेंडरी स्कूल पोलमी भेजने का आदेश पारित किया है । कोर्ट ने शासन और जिला शिक्षा अधिकारी को 7 दिवस के भीतर आदेश का पालन करने को कहा है।