शिक्षक नेता की पत्नी की फर्जी नियुक्ति मामले में न्यायालय की तल्ख टिप्पणी – कहा , यदि नियुक्ति है सही तो फिर जांच से डर कैसा ! विभाग को कहा – एक्शन लेने पर कोई रोक नहीं । न्यायालय जाकर और फंस गईं लग रहा है ,कोर्ट ने कहा कि अगर है लिख दिए कि नियुक्ति फर्जी है तो फिर नौकरी जाएगी ही जाएगी
बिलासपुर प्रवक्ता .कॉम 08.12.24 छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने शिक्षिका चन्द्ररेखा की कथित फर्जी नियुक्ति की जांच से संबंधित याचिका की सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए उनकी जांच को रोके जाने से संबंधित तर्क को अस्वीकार कर दिया ।अपनी नियुक्ति की जांच के मामले में बुरी तरह घिरी चंद्ररेखा शर्मा ने विभागीय कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी ,और इसी मामले में सुनवाई के दौरान जब चंद्ररेखा शर्मा के वकील ने जज को जशपुर में हुई जांच के कुछ बिंदु पढ़ते हुए नियुक्ति को सही ठहराने की कोशिश की तो जज ने कहा कि आप आधा अधूरा क्यों पढ़ रहे हैं पूरा पढ़िए और उसके बाद कहा कि इसमें तो कोई निष्कर्ष ही नहीं निकला है । इसके बाद जब चंद्ररेखा शर्मा के वकील ने मामले पर अंतरिम राहत देते हुए जांच पर रोक लगाने की मांग की तो जज ने कहा कि यदि चंद्ररेखा शर्मा की नियुक्ति सही है तो फिर जांच से डर कैसा, एक बार नहीं कई बार जांच होने दीजिए आखिर जांच से घबराना क्यों, जो भी सच्चाई है वह सामने निकलकर आ जाएगी । ( देखें कार्यवाही का वीडियो साभार उच्च न्यायालय के सोर्स से)
न्यायालय जाना भारी पड़ गया – जिस जांच से बचने के लिए श्रीमति चन्द्ररेखा कोर्ट गई थी वह अब उनके ऊपर भारी पड़ती दिख रही है , अब लोक शिक्षण संचालनालय को तत्काल निष्पक्षता के साथ कार्यवाही करनी ही पड़ेगी, साथ सी साथ निचले स्तर के अधिकारियों की जांच को भी एक तरह से चुनौती है कि उनकी रिपोर्ट पर सवाल खड़ा किया गया है। श्रीमति के वकील ने चार बार जांच होने की बात क ही तो जज ने कहा कि एक बार और जांच होने दीजिए आप बताइए कि किस बड़े अधिकारी से जांच करवानी है आप जिसे कहेंगे मैं उसे आदेशित कर देता हूं लेकिन मामले की जांच तो होगी वह किसी स्थिति में नहीं रुकेगी । सरकारी वकील को जज ने यह भी स्पष्ट किया कि विभाग द्वारा की जा रही किसी भी कार्रवाई पर कोई रोक नहीं है ऐसे में श्रीमती शर्मा के वकील ने जब कहा कि विभाग उन्हें बर्खास्त करने पर आमादा है तो जज ने कहा कि होने दीजिए आप उस आदेश को लेकर न्यायालय आइएगा तब देखेंगे लेकिन विभाग के कार्रवाई पर अभी कोई भी रोक नहीं है । कुल मिलाकर मामले की गंभीरता को देखते हुए जज ने इस मामले पर विभाग को जहां कार्रवाई करने की छूट दे रखी है वही इस मामले को 4 सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए समय दिया है जिसमें विभाग द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत किया जाएगा । इस बीच में हम अगले अंकों में वह सारे तथ्य प्रस्तुत करेंगे जिससे यह प्रमाणित होता है कि श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा की नियुक्ति पूरी तरह से फर्जी है ।