राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ आयेंगे मोहन भागवत
2025 विजयादशमी को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ 100 वर्ष का हो जाएगा, 27 दिसंबर से 31 दिसंबर तक रायपुर में होगा प्रवास
प्रवक्ता .कॉम रायपुर 26.12.24
राष्ट्रीय स्वयं से सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत 27 से 31 दिसंबर तक रायपुर प्रवास पर होंगे।
मथुरा में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने वैचारिक सदस्यों की संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से देश भर में अलग अलग कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है।
2025 में राष्ट्रीय स्वय सेवक संघ अपनी स्थापना के 100 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है–
मोहन भागवत जी छत्तीसगढ़ में संघ की विभिन्न विभागों की बैठक में शामिल होंगे।
इसके लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सभी विभाग प्रमुख ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। आदिवासी समुदाय के वनवासी आश्रम के बच्चों की बीच जाकर उनसे चर्चा भी कर सकते हैं।
शताब्दी वर्ष में संघ के विविध आयोजन की योजना और छत्तीसगढ़ में चल रहे संघ की गतिविधियों की जानकारी ले सकते हैं संघ प्रमुख–
अगली विजयादशमी पर संघ स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे। संघ के शताब्दी वर्ष में कार्य विस्तार की योजना सहित अभी तक किए गए कार्यो की समीक्षा भी इस बैठक में होगी। आगामी विजयादशमी पर्व स्वयंसेवकों के लिए महत्वपूर्ण है और नागपुर सहित देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे, इस निमित्त भी बैठक में व्यापक चर्चा होगी। शताब्दी वर्ष के निमित्त व्यापक संपर्क, साहित्य वितरण तथा कार्यक्रम किए जाएंगें। बैठक में अपने-अपने प्रांतो में किये गये कार्यों के बारे में चर्चा होगी।
सामाजिक मुद्दों पर संघ चालक जी ने इस वर्ष विजयादशमी के अपने संबोधन में कई विषयों की ओर ध्यान दिलाया था, के इंटरनेट का समाज और बालक वर्ग पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के बारे में भी चर्चा की जायेगी। समाज में शान्ति का भाव, परस्पर सौहार्द और संघ कार्य की आने वाले दिनों में होने वाली व्याप्ति आदि विषयों पर चर्चा होगी। इसके अलावा महर्षि दयानन्द सरस्वती जी, भगवान बिरसामुंडा जी, पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होल्कर जी, रानी दुर्गावती जी, के द्वारा किए गए सामाजिक उत्थान के कार्यों की जानकारी समाज तक पहुंचाने योजना पर कार्य हो भी रहा है।
पंच परिवर्तन के महत्व की ओर संघ का विशेष फोकस
शताब्दी वर्ष में पूजनीय सरसंघचालक मोहन भागवत जी द्वारा पंच परिवर्तन (सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण, ‘स्व’ आधारित जीवन शैली और नागरिक कर्तव्य) को समाज में लेकर जाने की चर्चा की गयी है, उसे भी संघ द्वारा समाज में व्यापक रूप से पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इन पंच परिवर्तनों को संघ के विभिन्न कार्यों के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का कार्य होगा।