सर्व शिक्षक संगठन के द्वारा 4 सूत्रीय मांगों की पूर्ति के लिए शासन को दिया सात दिन का समय समाधान नहीं होने पर 28 मई को मंत्रालय घेराव की चेतावनी

रायपुर प्रवक्ता.कॉम 20 मई 2025
छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त शिक्षक संगठन के साझा मंच द्वारा युक्तियुक्तकरण पर तत्काल रोक लगाने सहित चार सूत्रीय मांग का निराकरण करने के संबंध में 23 शिक्षक संगठनों के द्वारा संयुक्त ज्ञापन देकर युक्तियुकरण पर रोक सहित सभी मांगों पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने के लिए शासन को ज्ञापन दिया गया है । शासन द्वारा दिए गए समय पर निर्णय नही होने की स्थिति में दिनांक 28 मई को मंत्रालय घेराव करने की बात शिक्षक संगठनों ने कही है। ज्ञापन में शिक्षक संगठनों ने लिखा है कि

छत्तीसगढ़ राज्य में संविलियन के बाद शिक्षक एलबी संवर्ग की समस्याओं का निराकरण सहित वर्तमान में विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण पर रोक, सोना साहू प्रकरण क्रमोन्नति हेतु जनरल आदेश, नियुक्ति तिथि से पेंशन की गणना एवं व्याख्याता प्रमोशन में B.Ed की बाध्यता को समाप्त करने हेतु चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के समस्त शिक्षक एल बी संवर्ग के संगठनों द्वारा साझा मंच के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन से नीचे लिखित मांगों पर तत्काल निराकरण करने के लिए सादर प्रस्तुत है।
- विद्यालय एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण तत्काल स्थगित किया जाए। गुणवतापूर्ण शिक्षा हेतु
- एकल शिक्षक व शिक्षकविहीन विद्यालयों में शिक्षक उपलब्ध कराने युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, विसंगतिपूर्ण कार्यवाही प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था, शिक्षा की गुणवत्ता, छात्र सुरक्षा, छात्रहित व शिक्षकहित के प्रतिकूल है। एवं व्यापक विसंगति, समस्याएं तथा शिक्षक एवं शिक्षक संगठन तथा समाज के सुझाव मांग की अनदेखी की गई है। कार्यवाही एक तरफा, नियमों के विपरीत तथा शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009, शिक्षा विभाग सेटअप 2008 के विपरीत है ज्ञात हो वर्तमान में शिक्षा विभाग में लगातार हो रही पदोन्नति, पदस्थापना से एकल शिक्षक व शिक्षकविहीन विद्यालयों में पदस्थ कर कमियां दूर की जा सकती है। विभाग खुली स्थानांतरण नीति के तहत पति-पत्नी एक जगह पदस्थापना ई एवं टी संवर्ग में भेदभाव की समाप्ति, प्रतिनियुक्ति में पारदर्शिता, प्राथमिक विद्यालयों में सेटअप अनुसार नई भर्ती (रिक्त पद स्वीकृत
पद), निलंबित शिक्षकों की समयबद्ध बहाली एवं संगठन के साथ समन्वय बनाकर नीति का क्रियान्वयन किया जाना उचित प्रतीत होता है।
ज्ञात हो प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन, अनुशासन, वित्तीय एवं प्रशासनिक नियंत्रण बी ई ओ के पास है तथा हाई स्कूल हायर सेकेंडरी का प्राचार्य के पास है इस तरह नियंत्रण अधिकारएवं दायित्व के लिए टकराव होने से शिक्षा की गुणवत्ता को बाधित करेगी। इस समस्या के समाधान के लिए युक्तियुक्तकरण के पूर्व एक ही परिसर में स्थित विद्यालयों का समस्त वित्तीय औधकार, प्रशासनिक एवं अनुशासनात्मक नियंत्रण प्राचार्य को हस्तांतरित किया जाना उचित होगा।



अतःविसंगतिपूर्ण,
भेदभावपूर्ण, सेटअप 2008 व शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के विपरीत युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही को तत्काल स्थगित किया जाए। भविष्य में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के लिए दिशा निर्देश जारी करने के पूर्व समस्त शैक्षिक संगठनों से चर्चा कर सुझाव लिया जाय जिससे शिक्षक व विद्यार्थी हित प्रभावित न हो।
- क्रमोन्नत वेतनमान सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के निर्देश के बाद श्रीमती सोना साहू शिक्षक पंचायत/शिक्षक एल बी को पंचायत व शिक्षा विभाग का पूर्व सेवा अवधि की गणना कर एरियर्स सहित क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान किया गया है। श्रीमती
सोना साहू की तरह प्रदेश के सभी पात्र शिक्षक एल.बी. संवर्ग के लिए एरियर्स सहित क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान के लिए जनरल आदेश जारी किया जाए। - बीएड प्रशिक्षण अनिवार्यता शिथिल किया जाय पूर्व की भांति शिक्षक से व्याख्याता एवं व्याख्याता से प्राचार्य पदोन्नति के लिए बी.एड. प्रशिक्षण अनिवार्यता शिथिल कर डी.एड. प्रशक्षित शिक्षक संवर्ग को पदोन्नति हेतु अवसर प्रदान किया जाए। प्राचार्य के 10% पर्दो पर विभागीय परीक्षा के माध्यम से तत्काल किया जाए।
ज्ञात हो राज्य में शिक्षक एल.बी. संवर्ग प्रशिक्षित एवं डी. एड. योग्यताधारी हैं शिक्षा के अधिकार के तहत राज्य सरकार सभी को प्रशिक्षित किया था। वर्तमान पदोन्नति में व्याख्याता पद के लिए बी.एड. की व्यावसायिक अर्हता से वरिष्ठ एवं प्रशिक्षित तथा अनुभवी शिक्षकों को पदोन्नति से वंचित होना पड़ रहा है अतः शिक्षक एल.बी. संवर्ग की वरिष्ठता एवं प्रशिक्षित होने के आधार पर बी.एड.की अनिवार्यता को शिथिल करने, नियम में संशोधन कर उचित पहल किया जाए ताकि योग्य, वरिष्ठ, अनुभवी शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिल सके।
- शिक्षक एल.बी. संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पेंशन सहित समस्त लाभ प्रदान किया जाए।
यद्यपि संगठन वार्ता के माध्यम से समाधान का पक्षधर है।. 01 सप्ताह में समाधान नहीं होने की स्थिति में हम दिनांक 28/05/2025 को मंत्रालय घेराव के लिए बाध्य होंगे।
सभी 23 संगठनों के प्रांत अध्यक्षों मनीष मिश्रा, केदार जैन, संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत, कृष्णकुमार नवरंग, राजनारायण द्विवेदी, जाकेश साहू, भूपेंद्र बनाफर, शंकर साहू, भूपेंद्र गिलहरे, चेतन बघेल, गिरीश केशकर, लैलूंन भरतद्वाज, प्रदीप पांडे, प्रदीप लहरें, राजकिशोर तिवारी, कमल दास मुरचले, प्रीतम कोशले, विक्रम राय, विष्णु प्रसाद साहू, अनिल टोप्पो एवं धरमदास बंजारे आदि ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि राज्य सरकार की विसंगतिपूर्ण युक्त युक्तिकरण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी
शिक्षक संगठनों का सरकार पर आरोप –
सभी शिक्षक नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग द्वारा तरह-तरह का प्रयोग किया जा रहा है। पहले बना बनाया 2008 का सेटअप को पिछले वर्ष भी रद्द किया जा रहा था। जिसका पुरजोर विरोध करने पर इसको बंद किया गया था। लेकिन इस बार जब यह प्रक्रिया फिर से अपनाई गई तो किसी भी शिक्षक संगठन को नहीं बुलाया गया।
जबकि पिछले बार यह बात हुई थी कि नया सेटअप लागू करने से पहले सभी शिक्षक संगठनों की बैठक बुलाकर सभी से सुझाव मांगे जाएंगे एवं सभी के सहमति के आधार पर ही यह लागू किया जाएगा तो इस बार सबको बिना बुलाए एवं किसी संगठन के बगैर सहमति के यह सेटअप में बदलाव किया जा रहा जो किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं।
थे।