रायपुर। संस्कृत बोर्ड के परिणाम एक बार फिर से जारी किए जाएंगे। संस्कृत बोर्ड के इतिहास में ऐसी पहली बार हो रहा है जब दसवीं और बारहवीं के परिणाम दोबारा जारी किए जा रहे हैं। बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने के बाद भी केवल उत्तरपुस्तिकाओं की पुनर्गणना करके ही नतीजे घोषित किए जा रहे हैं। ना तो कॉपियों का मूल्यांकन दोबारा किया जा रहा है और ना ही परीक्षा प्रणाली की दोबारा जांच ही की जा रही है, जबकि टॉपर्स सहित कई छात्रों की उत्तरपुस्तिका में अलग-अलग तरह की कई लिखावट मिली थी।
इस पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा रहस्यमयी चुप्पी साध ली गई है। हरिभूमि के पास टॉपर्स की उत्तरपुस्तिकाओं की सॉफ्ट कॉपी है, जिसे प्रथम दृष्टया देखने पर ही यह स्पष्ट है कि एक ही विद्यार्थी की उत्तरपुस्तिका कई व्यक्तियों द्वारा हल की गई है। इसके अलावा टॉपर्स कांड के सामने आने के बाद जो तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी, उस कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में कई उत्तरपुस्तिकाओं में भिन्न- भिन्न हैंडराइटिंग होने की बात स्वीकारी थी। इस कमेटी में माध्यमिक शिक्षा मंडल सचिव पुष्पा साहू, रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी सहित बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक आरपी आदित्य शामिल थे।
केवल अंक बदले जाएंगे
छात्रों को उत्तरपुस्तिकाओं में जो अंक मिले थे और कंप्यूटर तथा नतीजों में जो अंक दर्ज थे, उनमें अंतर था। कई छात्रों की उत्तरपुस्तिका में प्राप्तांक 30-40 नंबर ही थे, जबकि उनकी अंकसूची में 80 से 90 नंबर तक दर्शाए गए थे। अब इनकी कॉपियों की पुनर्गणना की जा रही है। इसके बाद जो अंक उत्तरपुस्तिकाओं में दर्ज हैं, उसके आधार पर ही नतीजे तैयार होंगे। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, परिणाम मौजूदा सप्ताह में जारी किए जाएंगे। बोर्ड मेरिट लिस्ट पहले ही रद्द कर चुका है, अब परिणाम जारी करने के साथ दोबारा मेरिट लिस्ट भी जारी होगी।
मिलीभगत से हुआ है फर्जीवाड़ा
जांच टीम में शामिल एक सदस्य ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि, संस्कृत बोर्ड के ऊपरी स्तर के भी कई व्यक्ति इसमें मिले हुए हैं। उनके संरक्षण में ही प्राचार्यों और अन्य अधिकारियों- कर्मचारियों ने यह फर्जीवाड़ा किया है। टीम की शुरुआती जांच में ही यह बात सामने आ गई थी। इसके बाद टीम ने सभी उत्तरपुस्तिकाओं की सूक्ष्मता से जांच की थी। शुरुआती वक्त में परीक्षाएं रद्द किए जाने की बात कही जा रही थी, लेकिन केवल उत्तरपुस्तिकाओं की पुनर्गणना करके ही मामले को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। जिन स्कूलों में नकल हुए हैं, वहां के प्राचार्यों और परीक्षा अधिकारियों से पूछताछ भी स्कूल शिक्षा विभाग ने नहीं की है। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने शुरुआत में इसे लेकर सक्रियता दिखाई थी, लेकिन अब मामले को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी है।
कड़ाई से पुनर्गणना
छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड के सचिव राकेश पांडेय ने बताया कि, 10वीं-12वीं की उत्तरपुस्तिकाओं की कड़ाई से पुनर्गणना की गई है। परिणामों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।