Breaking NewsPolicy newsकर्मचारी जगतकैशलेश ट्रीटमेंट पॉलिसीछत्तीसगढ़
Trending

छत्तीसगढ़ में राज्य कर्मचारियों को बजट 2026 में मिल सकती है पांच लाख तक कैसलेस इलाज की सुविधा कमिटी के रिपोर्ट पर सरकार की कार्यवाही लगभग पूरी हरियाणा उत्तरप्रदेश राजस्थान में लागू है योजना

अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की पहल पर बनी थी कमिटी , बजट सत्र में कैशलेश पॉलिसी हो सकती जारी , संयुक्त मोर्चा ने योजना के नाम भी सुझाए थे

रायपुर प्रवक्ता.कॉम 26 दिसंबर 2025

Join WhatsApp

विजय सिंह ठाकुर

छत्तीसगढ़ में राज्य के पौने पांच लाख कर्मचारियों की लंबे से कैश लेस ट्रीटमेंट की मांग को सरकार आगामी बजट में पूरा कर सकती है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस आशय के स्पष्ट संकेत हाल ही में दिए हैं।
इससे पहले भी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने स्वास्थ्य मंत्री से मंत्रालय में मिलकर उनसे राज्य के कर्मचारियों की स्वास्थ्य से संबंधित चिंताओं से अवगत कराया था। तब संयुक्त मोर्चा के संयोजक अनिल शुक्ला सहित उपस्थित प्रतिनिधिमंडल जिसमें तत्कालीन मंत्रालयीन संघ के महेंद्र सिंह राजपूत , संजय सिंह , आलोक मिश्रा , करण सिंह अटेरिया , जितेंद्र सिंह ठाकुर , नरेन्द्र सिंह ठाकुर उपस्थित थे । उस समय मंत्री जी ने कहा था कि थोड़ा लेट हो गया आगामी बजट में इसे रखने के संबंध में प्राथमिकता के साथ कार्य करेंगे । उसी समय उन्होंने अन्य राज्यों से कैशलेश चिकित्सा के संबंध में ड्रॉफ्ट उपलब्ध कराने कि बात भी कही थी । जिसके बाद सरकार ने इस संबंध में एक कमिटी का भी गठन किया था। जो इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाली थी

फरवरी राज्य बजट में हो सकती है मांग पूरी –


राज्य के कर्मचारियों की यह मांग फरवरी महीने के राज्य बजट में पूरी हो सकती है।
छत्तीसगढ़ में इस योजना का नाम पंडित दीनदयाल के नाम पर किए जाने का सुझाव भी संयुक्त मोर्चा की तरफ से उस समय दी गई थी।
अन्य राज्यों में किस तरह से मिल रही है कैशलेश चिकित्सा –
इस समय उत्तर प्रदेश ,हरियाणा ,राजस्थान में है वहीं दिल्ली में कुछ सेवा निवृत कर्मचारियों सहित डीटीसी की बसों के कर्मचारियों को यह सुविधा मिल रही है लेकिन वहां पर यह पूरी तरह लागू नहीं है। यहां पर हम राजस्थान , हरियाणा उत्तर उत्तर प्रदेश की कैसलेस ट्रीट मेंट पॉलिसी का संक्षिप्त विश्लेषण रख रहे हैं ।जिसका तुलनात्मक जानकारी जरूरी है।
हरियाणा राज्य –

हरियाणा में कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध है, जिसे Comprehensive Cashless Health Facility for Employees (CCHFE) कहा जाता है, और यह आयुष्मान कार्ड के माध्यम से लागू की गई है; इसके तहत कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके आश्रित ₹5 लाख तक की बीमा राशि के साथ कैशलेस इलाज पा सकते हैं, जिसमें कई तरह की बीमारियाँ और आपातकालीन स्थितियाँ शामिल हैं, और इसके लिए PPP ID/Aadhaar नंबर का इस्तेमाल किया जाता है.
मुख्य बातें:
योजना का नाम: हरियाणा कर्मचारी कैशलेस स्वास्थ्य योजना (HECHS) या Comprehensive Cashless Health Facility for Employees (CCHFE).
पात्र कौन: राज्य के सभी सरकारी कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके परिवार के आश्रित सदस्य.
लाभ: ₹5 लाख तक की बीमा राशि के तहत कैशलेस चिकित्सा सेवाएँ.
कैसे होता है उपयोग: इसके लिए कर्मचारियों को अपना PPP ID/Aadhaar नंबर साझा करना होता है और एक ई-कार्ड/CCHF कार्ड दिया जाता है.
शामिल उपचार: इसमें हृदय संबंधी आपातकाल, कोमा, कैंसर (तीसरे और चौथे चरण), बिजली के झटके, दुर्घटनाएँ और अन्य बीमारियाँ शामिल हैं.
लागू करने का तरीका: यह योजना पुरानी चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति को कैशलेस मोड में लागू करने के लिए है, और इसके लिए 447 अस्पताल सूचीबद्ध किए गए हैं.
नवीनतम अपडेट: यह सुविधा अब पूरे राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए पूरी तरह लागू कर दी गई है, और पहले कुछ विभागों से शुरू होकर अब सभी तक विस्तारित है.

राजस्थान में इस प्रकार की योजना लागू है –

राजस्थान में कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए कैशलेस चिकित्सा सुविधा राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) के तहत प्रदान की जाती है, जो उन्हें सरकारी और empanelled निजी अस्पतालों में OPD/IPD और जांचों का cashless इलाज देती है, जिसमें लाभार्थी को एक RGHS कार्ड और आधार-लिंक्ड बायोमेट्रिक प्रणाली का उपयोग करना होता है, हालांकि हाल ही में कुछ व्यवधानों की खबरें भी आई हैं.
RGHS योजना के मुख्य बिंदु:
कौन लाभार्थी हैं: राज्य सरकार के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारी, पेंशनभोगी, MLAs, ex-MLAs और उनके आश्रित परिवार के सदस्य.
सुविधाएं: cashless OPD, IPD, डे-केयर और जांच (डायग्नोस्टिक्स) की सुविधाएं.
कैसे लाभ लें: RGHS कार्ड और बायोमेट्रिक (अंगूठे का निशान) के माध्यम से.
कवरेज: इसमें विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग लाभ हैं, जिसमें सालाना निश्चित राशि और कुछ बीमारियों के लिए अतिरिक्त कवरेज शामिल है (जैसे 5 लाख + 5 लाख तक).
अस्पताल: सभी सरकारी अस्पतालों और अनुमोदित निजी empanelled अस्पतालों में इलाज.
अन्य लाभ: दवाइयाँ CONFED या निजी मेडिकल स्टोर्स से मिल सकती हैं, साथ ही यात्रा भत्ता और एम्बुलेंस शुल्क भी कवर होता है.
हालिया स्थिति (2025):
योजना को पहले पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस बनाने के लिए सराहा गया था, लेकिन हाल ही में निजी अस्पतालों द्वारा बकाया भुगतान न होने के कारण जुलाई 2025 में कैशलेस इलाज रोकने की खबरें आई थीं.
राज्य सरकार इस योजना को सुचारू रखने और विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसे और बेहतर बनाने पर काम चल रहा है.
सारांश में, RGHS राजस्थान में कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है जो उन्हें कैशलेस चिकित्सा प्रदान करती है, लेकिन इसका लाभ उठाने के लिए RGHS कार्ड और योजना के नियमों का पालन करना आवश्यक है, और समय-समय पर आने वाले अपडेट्स पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है.

उत्तर प्रदेश में कैशलेश योजना का स्वरूप क्या है जानते हैं

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद यह योजना पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से शुरू की गई है ।

यह योजना उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) नियमावली 2011, (यथासंशोधित 2014, 2016 एवं 2021) में निहित नियमों के अधीन संचालित होगी। “सरकारी सेवक” की परिभाषा “GO/Guidelines” के अंतर्गत उपलब्ध है।

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी शासनादेश दिनांक 07 जनवरी, 2022 में उत्तर प्रदेश राज्य के सरकारी सेवकों, सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों तथा उनके आश्रित परिजनों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा का प्राविधान किया गया है। यह सुविधा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत आबद्ध समस्त निजी चिकित्सालयों तथा सरकारी चिकित्सालयों में उपलब्ध होगी। निजी आबद्ध चिकित्सालयों में प्रत्येक लाभार्थी परिवार को प्रतिवर्ष रूपये-पाॅच लाख तक की कैशलेस चिकित्सा उपलब्ध होगी। जबकि सरकारी चिकित्सा संस्थानों/चिकित्सालयों में बिना किसी वित्तीय सीमा के कैशलेस चिकित्सा उपलब्ध होगी। योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु प्रत्येक पात्र लाभार्थी के पास स्टेट हेल्थ कार्ड उपलब्ध होना अनिवार्य है, जिसकी सहायता से आबद्ध चिकित्सालयों में लाभार्थी की पहचान सुनिश्चित करने के उपरान्त कैशलेस चिकित्सा उपलब्ध हो सकेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button