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ट्रांसफर पर आखिर ये कैसा प्रतिबंध, बड़े कर्मचारियों के धड़ाधड़ ट्रांसफर और छोटे कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण पर रोक का बहाना?

ये किस तरह का मुख्यमंत्री समन्वय समिति है , इसमें आवेदन कब देना है ,कहां देना है, ये भी किसी को पता नहीं है अब तक, आखिर सरकार स्थानांतरण पर जारी पर रोक कब हटाएगी?

छत्तीसगढ़ में आखिर कब होंगे कर्मचारियों के ट्रांसफर बड़े और अधिकारी संवर्ग में कर्मचारियों के ट्रांसफर धड़ाधड़ हो रहे हैं लेकिन तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के ट्रांसफर पर बैन लगे होने की बात की जाती है । छत्तीसगढ़ में आए दिन ट्रांसफर पर रोक होने के बावजूद अधिकारियों की ट्रांसफर हो रहे हैं ,वो भी मुख्यमंत्री समन्वय के नाम पर , है ये कैसा समन्वय समिति है जो केवल बड़े अधिकारियों के लिए है ,?इस व्यवस्था पर अब सवाल भी खड़े होने लगे हैं।

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मुख्यमंत्री समन्वय से इतने बड़े पैमाने पर आखिर ये स्थानांतरण कैसे हो रहे हैं ये सब को समझ आता है । छत्तीसगढ़ में 4 साल से ट्रांसफर पर रोक है लेकिन ये रोक केवल शिक्षकों , तृतीय वर्ग ,चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के लिए है ऐसा लगता है ।हजारों स्थानांतरण आवेदन विभाग में लंबित पड़े हैं। कुछ दिन पहले ही आईएएस आईपीएस ट्रांसफर के बाद कई विभागों में ,अधिकारियों के ट्रांसफर की सूची जारी हुई है। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार के समय एक बार ट्रांसफर नीति बनी थी, उसके बाद से राज्य में स्थानांतरण पर प्रतिबंध है लेकिन विभिन्न स्तर पर सभी विभागों में कर्मचारी मुख्यमंत्री से समन्वय के नाम से अपना ट्रांसफर धड़ाधड़ करा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों का एक वर्ग जिसको वास्तव में स्थानांतरण की जरूरत है, वे चार वर्षो से स्थानांतरण पर रोक हटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं ।सत्ता और संगठन से जुड़े हुए लोगों को भी यह पता है , सरकार के अधिकांश विधायक मंत्री भी चाह रहे हैं कि स्थानांतरण नीति बने और स्थानांतरण पर प्रतिबंध हटे लेकिन ये हो नहीं रहा है।

पारदर्शी स्थानांतरण नीति की प्रतिक्षा कर रहे हैं कर्मचारी – सरकार को नियमबद्ध तरीके से स्थानांतरण की प्रक्रिया अपनानी चाहिए, सभी विभागों में स्थानांतरण अभी भी हो रहे हैं लेकिन वही लोग स्थानांतरण कर पा रहे हैं जो मुख्यमंत्री समन्वय तक अपने आवेदन पहुंचने में सफल होते हैं। ट्रांसफर नीति जारी नहीं होने के पीछे कई वजह है बताई जाती है लेकिन छत्तीसगढ़ की सरकार को चाहिए की पूरी पारदर्शिता से स्थानांतरण की पॉलिसी बनाएं और कर्मचारियों को स्थानांतरण की सुविधा प्रदान करे ।

हर साल समय बद्ध नियमित स्थानांतरण हो –छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए नियमित पालिसी बनाने की मांग विभिन्न कर्मचारी संगठन करते रहे हैं लेकिन इस संबंध में सरकार के द्वारा अपेक्षित कदम नहीं उठाए गए चार साल तक स्थानांतरण पर रोक है और कर्मचारियों की प्रतिक्षा भी जारी है ।


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