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आखिर कब होगी छत्तीसगढ़ शिक्षा आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति ?

विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने शिक्षकों की मांग पर शिक्षा आयोग के गठन को दी थी मंजूरी


रायपुर प्रवक्ता ,कॉम दिनांक 20.12.24
छत्तीसगढ़ राज्य शिक्षा आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति 6 वर्ष तक नहीं की गई है।
पहले भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया , कांग्रेस शासन काल में शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति पांच साल तक नहीं की गई ।दो बाबुओं के सहारे आयोग चलता रहा।

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प्रदेश में अब बी. जे .पी .की सरकार फिर भी , आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति एक साल बाद भी नहीं हुई·–


छत्तीसगढ़ में बी .जे .पी. की सरकार को बने एक साल हो गए हैं फिर भी राज्य शिक्षा आयोग में केवल बाबू ही कार्यरत हैं।
एक अध्यक्ष की नियुक्ति करने में इतना समय लगना समझ से परे है। शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बनाए गए इस महत्वपूर्ण आयोग में अगर अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति हो जाती तो सरकार को भी शिक्षा नीतियों के नवीन निर्धारण और संचालन में आसानी होती । शिक्षक संगठनों को भी आयोग में अध्यक्ष के नियुक्ति की प्रतीक्षा है।

कैसे और क्यों हुआ था शिक्षा आयोग का गठन
शिक्षा की गुणवत्ता के लिए आयोग में अध्यक्ष जरूरी है।
प्रदेश में शिक्षा आयोग का गठन पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधान सभा अध्यक्ष डॉ.रमनसिंह के द्वारा विशेष रुचि लेने और छत्तीसगढ़ शिक्षक संगठन की प्रदेश में अच्छी सक्रियता के चलते उस समय के शिक्षक नेता चंद्रभूषण, शर्मा, सुधीर गौतम, दानीराम वर्मा , दिलीप केशरवानी , प्रभात गुप्ता जैसे शिक्षकों की कर्मठता के चलते संभव हुआ था।
लेकिन शिक्षा में जिस गुणवत्ता को बढ़ाने और उसे बनाए रखने के उद्देश्य से इसे गठित किया गया वह अब सरकार की नजरअंदाजी के चलते रुक गया है।
राज्य में तीन लाख से अधिक शिक्षकों को यह आयोग अनुशासित कर सकता है जिससे मजबूत राष्ट्र और समाज निर्माण में मदद मिलेगी।

आयोग कब बना और प्रथम अध्यक्ष कौन बनाए गए थे–
आयोग के पहले अध्यक्ष भूषण शर्मा को बनाया गया
राज्य शिक्षा आयोग का गठन पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 20 सितंबर 2013 को किया था. पहला अध्यक्ष चंद्रभूषण शर्मा को बनाया गया था. साथ में सदस्य आरसी पांडव को नियुक्त किया गया था. इसके बाद विधानसभा चुनाव के कारण 19 दिसंबर 2013 को यह कार्यकाल भंग हो गया. इसके बाद फिर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो 15 जून 2015 को फिर से आयोग के अध्यक्ष के रूप में शर्मा की नियुक्ति की गई थी. साथ ही दो सदस्य नियुक्त हुए थे.

शिक्षा आयोग का कार्य क्या है?
छत्तीसगढ़ शिक्षा आयोग शिक्षकों की वेतन विसंगति , पदोन्नति, स्थानांतरण, शिक्षकों ‘की प्रमुख मांगों, समस्याओं, शिक्षा और शैक्षणिक प्रबंधन से संबंधित नवाचार और स्कूलों में फीस संरचना का काम करता है. लेकिन अध्यक्ष नहीं होने से ये सारी चीजें सिर्फ कागजों में ही सिमटकर रह गई है. इसके अलावा भी कई काम आयोग के जिम्मे है.

शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने के लिए सिफारिश करना।
शिक्षा और शैक्षणिक प्रबंधन से जुड़े नवाचारों के लिए सुझाव देना।
शिक्षकों की मांगों और समस्याओं को सुनना, उसके लिए सिफारिश करना।
स्कूलों में फीस से लेकर कई तरह के विवादों में सुधार के लिए सुझाव देना।

विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह से मिलने की तैयारी –
छत्तीसगढ़ में सरकार को बने एक वर्ष हो गए हैं,आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए जल्द ही शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांतचालक और सरकार के प्रतिनिधियों से मिलकर इस महत्वपूर्ण आयोग सहित शिक्षा से जुड़े संस्कृत मंडलम आयोग और योग आयोग के गठन को लेकर मुलाकात करेगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ .रमनसिंह से भी मिलकर चर्चा की योजना हो रही है।

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