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पूर्व पी. एस .सी .अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी पर पैसे लेकर चयन करने का आरोप – सी. बी. आई.

45 लाख के लेनदेन के पुख्ता पुख्ता सबुत, कोर्ट ने 7 दिन की रिमांड पर सी. बी .आई. को सौंपा , पैसे लेकर डिप्टी कलेक्टर और डी. एस. पी.बनाया

सी.जी .पी .एस .सी . भर्ती विवाद में सी .बी .आई .ने टा मन सोनवानी और श्रवण गोयल को गिरफ्तार किया है। सी. बी .आई .ने सी जी पी एस सी भरती विवाद में सी. जी .पी .एस. सी. के पूर्व अध्यक्ष और आई .ए. एस .अधिकारी रहे टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया ।जहां से उन्हें 7 दिन की डिमांड पर सी .बी .आई .को सौंप दिया गया । आरोप है कि गोयल ने अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका को नौकरी दिलाने के लिए अध्यक्ष सोनवानी के पत्नी की Ngo को अपने औद्योगिक सी. एस. आर. फंड से 45 लख रुपए दिए थे ।ये पैसे सीधे सोनवानी को पहुंचे थे ,इसकी पुष्टि सीबीआई ने की ,उसके बाद कार्यवाही की गई है। भाजपा सरकार ने चुनावी वादे में यह घोषणा की थी कि सरकार बनते ही सी .जी .पी .एस. सी .के भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही की जाएगी । जैसे ही सरकार बनी ,मुख्यमंत्री ने पीएससी गड़बड़ी पर जांच बैठा दिया और जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी।
सीबीआई के मुताबिक अध्यक्ष टामन सोनवानी के कार्यकाल में पैसे के लेनदेन के जरिए बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। उन्होंने अपने कई करीबी रिश्तेदारों और कांग्रेस नेताओं सहित अनेक अधिकारियों के रिश्तेदारों की नौकरी लगवाई, अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए पैसों का लेनदेन किया ,इसके पुख्ता सबूत भी मिले। उन पर यह भी आरोप है कि पैसे कुछ नेताओं और अधिकारियों के बच्चों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर सिलेक्ट किया गया था। मामला यह है कि डिप्टी कलेक्टर डीएसपी समेत कई पदों के लिए साल 2020 से 22 के दौरान इंटरव्यू दिए गए थे, जिसमें वीआई पी लोगों के गरीबी रिश्तेदारों और बच्चों के चयन पर सवाल उठाया गया , इन्हीं आरोपों के आधार पर सी बी आई ने एफ .आई .आर. दर्ज किया ।सी .जी .पी .एस. सी .2019 से 22 तक की भर्ती में अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद था।अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया पी ,.एस.सी .ने 2020 में 175 पद और 2021 में 171 पदों के लिए परीक्षा ली थी इन्हीं भर्ती को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है ।जिसमें पी.एस.सी. के अध्यक्ष टामन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेस नेता और कुछ अफसर के बच्चों के नौकरी अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए लगवाए थे।
टामन सोनवानी के पांच रिश्तेदारों का सिलेक्शन हुआ था ।जिनमें नितेश सोनवानी उनके बेटे जिनको डिप्टी कलेक्टर बनाया गया, निशा कोसले टामन सोनवानी की बहू इन्हें भी डिप्टी कलेक्टर का पद मिला, दीपा अजगले सोनवानी की भाई-बहु, इनको जिला आबकारी अधिकारी का पद मिला, सुनीता जोशी टामन सोनवानी के बहन की बेटी इनको श्रम अधिकारी बनाया गया, साहिल बड़े भाई के बेटे इनका चयन डीएसपी के पद पर हुआ।
इसी तरह सुमित ध्रुव पी.एस , सी ,के सचिव रहे जे .के. ध्रुव के बेटे हैं । नेहा खलखो डिप्टी कलेक्टर, उस समय के राज्यपाल रहे के सचिव अमृत खलको की बेटी है , निखिल खलको डिप्टी कलेक्टर बने ये भी अमृत खलको के बेटे हैं । प्रज्ञा नायक कांग्रेस नेता के ओ एस डी के रिश्तेदार की बेटी प्रखर नायक कांग्रेस नेता के एलसीडी के रिश्तेदार के बेटे जैसे और भी अनेक कई नाम है जिनके चयन पर विवाद है।

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