बिना कारण बताए टेंडर निरस्त कर, कई-कई बार किए जा रहे टेंडर जारी
कवर्धा। पंडरिया शुगर मिल में चल रहे गतिविधियों पर कांग्रेस के नेता आकाश केशरवानी ने कारखाने में बड़े पदों में बैठे अधिकारियों ने इस शक्कर कारखाना को अपने भ्रष्टाचार तथा अवैध कमाई का चारागाह बना लिया है। हद तो यह है कि अधिकारियों के इस भ्रष्टाचारी कृत्यों को शासन-प्रशासन के नुमाईदों का भी खुला संरक्षण मिल रहा है। पंडरिया शक्कर कारखाना में चल रहे इस बड़े भ्रष्टाचार खेल की पोल खोलते हुए युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव आकाश केशरवानी ने बताया कि पंडरिया कारखाना में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी कारखाना से जारी होने वाले विभिन्न विकास एवं निर्मिाण कार्यो सहित कारखाना के अन्य कार्यो के लिए जारी टेंडरों में चल रहा है। आलम ये है कि कारखाना प्रशासन के कमीशनखोर और भ्रष्ट अधिकारी एक ही कार्य के लिए कई-कई बार टेंडर जारी कर रहे हैं और तब तक टेंडर जारी किया जा रहा है जब तक कि उनके चहेते ठेकेदारों को टेंडर न मिल जाए और उनसे मोटे कमीशन की डील न हो जाए। टेंडर जारी करने के इस खेल में कारखाना प्रशासन द्वारा न तो नियम कायदों का ध्यान रखा जा रहा है और न ही कारखाना का नफा नुकसान ही देखा जा रहा है। श्री केशरवानी ने कारखाना प्रशासन द्वारा जारी विभिन्न कार्यो के टेंडरों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ट्यूब क्लीनिंग कार्य के लिए कुल चार ई-निविदा सूचना क्रमांक-क्रमश: 159323, 160332, 161119 तथा 161945 क्रमश: दिनांक 9/10/2024, दिनांक 23/10/2024 को जारी किया गया। लेकिन तीसरे टेंडर को पोर्टल में अपलोड नहीं किया गया तथा अपने चहेतों को टेंडर देने के लिए पुन: इसी कार्य के लिए दिनांक 29/11/2024 टेंडर जारी किया गया। इसी तरह शुगर साईलो सिस्टम एण्ड मेंटनेंस वर्क के लिए भी कुल चार ई-निविदा सूचना क्रमांक-क्रमश: 159322, 160331, 161111 तथा 161946 क्रमश: दिनांक 9/10/2024, दिनांक 23/10/2024 को जारी किया गया। लेकिन तीसरे टेंडर को पोर्टल में अपलोड नहीं किया गया तथा अपने चहेतों को टेंडर देने के लिए पुन: इसी कार्य के लिए दिनांक 29/11/2024 टेंडर जारी किया गया। श्री केशरवानी ने बताया कि सुरक्षाकर्मी के लिए भी कुल चार ई-निविदा सूचना क्रमांक- क्रमश: 159331, 160341, 161273 तथा 161948 क्रमश: दिनांक 9/10/2024, दिनांक 23/10/2024 को जारी किया गया। लेकिन तीसरे टेंडर को पोर्टल में अपलोड नहीं किया गया तथा अपने चहेतों को टेंडर देने के लिए पुन: इसी कार्य के लिए दिनांक 29/11/2024 टेंडर जारी किया गया। जेसीबी बेक लोडर फॉर वर्क के लिए भी कुल तीन टेंडर ई-निविदा सूचना क्रमांक-क्रमश: 159330, 160339, 161113 क्रमश: दिनांक 9/10/2024, दिनांक 23/10/2024 को जारी किया गया। लेकिन तीसरे टेंडर को पोर्टल में अपलोड नहीं किया गया जिसे अभी खोला भी नहीं गया है। कारखाना प्रशासन द्वारा केंटिन सर्विस के लिए जारी टेंडर को भी तीन बार जारी किया गया है। जिसमें टेंडर ई-निविदा सूचना क्रमांक-क्रमश: 159324, 160346, 161122 क्रमश: दिनांक 9/10/2024, दिनांक 23/10/2024 को जारी किया गया। लेकिन तीसरे टेंडर को पोर्टल में अपलोड नहीं किया गया जिसे अभी खोला भी नहीं गया है। इसी प्रकार कारखाना के ऐसे दर्जनो कार्य है जिनके लिए कारखाना प्रशासन ने कई-कई बार नियम कायदों को ताक में रखकर निविदा जारी किया है। माना जा रहा है कि इस हथकंडे की मंशा सिर्फ इतनी है कि कारखाना के भ्रष्ट तथा कमीशनखोर अधिकारियों को अपने चहेते ठेकेदारों से मोटी रकम के रूप में कमीशन मिल सके।
टेंडर निरस्त करने का नहीं बताया जाता कारण
युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव आकाश केशरवानी ने बताया कि लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित पंडरिया प्रशासन द्वारा जितने भी टेंडर जारी कर उन्हें निरस्त किया है उनमें से किसी के भी टेंडर के निरस्तीकरण का कोई ठोस कारण नहीं बताया गया है। जिससे साफ जाहिर होता है कि यह कृत्य सिर्फ टेंडर के नाम पर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के लिए किया जा रहा है।
कमीशनखोरी के चक्कर मेें कारखाना को लगाया लाखों का चूना – लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित पंडरिया प्रशासन द्वारा अपनी कमीशनखोरी के चक्कर में कारखाना को लाखों रूपए का चूना लगाया जा रहा है। उन्होने कारखाना प्रशासन की पोल खोलते हुए बताया कि कारखाना प्रशासन ने पीपी बैग के लिए भी कुल चार टेंडर जारी किए हैं। जसमें ई-निविदा सूचना क्रमांक- क्रमश: 158005, 160342, 161154 तथा 161399 क्रमश: दिनांक 9/10/2024, दिनांक 09/11/2024 को जारी किया गया। लेकिन तीसरे टेंडर को पोर्टल में अपलोड नहीं किया गया। इस कार्य के लिए अंतिम टेंडर दिनांक 20/11/2024 को जारी किया गया। जिसे हाल ही में दिनांक 26/11/2024 को खोला गया है। मजेदार बात यह है कि पंडरिया कारखाना प्रशासन ने 6 लाख पीपी बैग का टेंडर रिद्धी सिद्धी सोलियुशन नाम की फर्म को प्रति पीपी बैग 34.95 रूपए के भाव से जारी किया है। जबकि इसी इसी कार्य का टेंडर भोरमदेव शक्कर कारखाना प्रशासन ने एक दूसरी फर्म को मात्र 28.00 रूपए प्रति पीपी बैग की दर से दिया है। ऐसे में अगर देखा जाए तो पंडरिया शक्कर कारखाना को 47 लाख 70 हजार रूपए का शुद्ध घाटा हो रहा है। जो निश्चित रूप से कारखाना के पंजीकृत किसानो के हक और अधिकार की खुली लूट है। अगर पंडरिया कारखाना प्रशासन को कारखाना के नफा नुकसान और कारखाना के पंजीकृत किसानो की चिंता होती तो वे भी शायद भोरमदेव शक्कर कारखाना प्रशासन की तरह कम दर में उसकी फर्म को टेंडर जारी कर देते लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया यह भगवान जाने।