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एससीईआरटी ने संलग्न शिक्षकों को हटाया, समग्र शिक्षा ,ओपन स्कूल, साक्षरता, सांसद और विधायक कार्यालयों में जमे शिक्षकों पर कब होगी कार्यवाही ? कबीरधाम डीईओ ने किया है नियम विरुद्ध सलंग्नीकरण शिक्षकों को बनाया है एबीईओ

लोक शिक्षण संचालनालय, जे डी और डी ईओ से सलंग्नीकरण पर शासन को लेना चाहिए शपथपत्र

रायपुर प्रवक्ता.कॉम 17 जून 2025

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शासन के द्वारा राज्य , जिला एवं अन्य विभिन्न स्तर के कार्यालयों में विभाग प्रमुख , कलेक्टर्स या किसी भी स्तर पर की गई संलग्नीकरण को खत्म करने के आदेश करने के बाद से सलंग्न कर्मचारियों को हटाकर मूल पदस्थापना वाली जगहों में पदंकित करने की कार्यवाही की जा रही है ।

एससीईआरटी में संलग्न शिक्षक हटाए गए, दूसरे दफ्तरों में अब तक जमे हैं

कलेक्टर ,संभागीय संयुक संचालक जेडी , डी ईओ ने शिक्षकों को अलग अलग आदेश के तहत सलंग्न करके शिक्षकीय कार्य को प्रभावित किया है । कलेक्टर कोरबा ,रायपुर में शिक्षक को कलेक्टर ने बी आर सी के पद पर सलंग्न किया है। कई व्याख्याता बी ईओ बने है। जे डी ने सहायक शिक्षक को सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्य करने के लिए आदेशित किया है। समग्र शिक्षा रायपुर में 8से 10 साल हो गए हैं ,शिक्षक संलग्न है। जल्द ही संचालक और सचिव के द्वारा समस्त सलंग्नीकरण खत्म नहीं किए गए तो फिर स्कूलों की स्थिति वही रहेगी जो कल तक थी। शासन के आदेश का निष्पक्ष और पारदर्शिता से पालन होना चाहिए।

कोरबा में सीधे बी आर सी बना दिया है–

कबीरधाम में जिला शिक्षा अधिकारी एवं कलेक्टर ने डी एम सी, बी आर सी , एपीसी एवं सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर नियम विरुद्ध सलंग्नीकरण किया है ।जिसे सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के खत्म किए जाने का निर्देश है । राजनैतिक कारणों से शासन के आदेश पर पारदर्शी तरीके से अमल नहीं होने से शासन पर उंगलियां उठती हैं।

कई कार्यालय जहां पर 10 से लेकर 12 साल से संलग्न हैं शिक्षक भूल चुके हैं मूल विभाग का काम ·

आदेश के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने संलग्न 7 शिक्षकों एवं कर्मचारियों को आज कार्यमुक्त कर दिया। वहीं डीपीआई, समग्र शिक्षा, ओपन स्कूल, जिला प्रशासन के विभिन्न कार्यालयों में संलग्न शिक्षक एवं व्याख्याता अब तक नहीं हटाए गए हैंप्रदेश में शिक्षकविहीन एवं एकल शिक्षकीय स्कूलों में हाल ही में युक्ति युक्तकरण करते हुए अतिशेष शिक्षकों को आवश्यकता वाले स्कूलों में पदस्थ किया है। शिक्षकों की कमी के पीछे एक बड़ा कारण उनका स्कूलों को छोड़कर अन्य कार्यालयों में अफसर एवं बाबूगिरी करना है। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से शिक्षकों की व्यवस्था की गई। इसी तरह दर्ज संख्या के आधार पर आवश्यकता वाले स्कूलों में भी शिक्षकों की नियुक्ति की गई। युक्तियुक्तकरण के दौरान ही यह बात सामने आई कि सैकड़ों की संख्या में शिक्षक एवं व्याख्याता स्कूल को छोड़कर विभिन्न कार्यालयों में संलग्न हैं।

सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश –

शासन के द्वारा जारी सचिव सामान्य प्रशासन अविनाश चम्पावत ने स्थानांतरण नीति 2025 में कंडिका क्रमांक 3.17 में सभी संलग्नीकरण 5 जून, 2025 से समाप्त माने जाएंगे। भविष्य में विभागाध्क्ष / भारसाधक संचिव के अनुमोदन से ही कोई संलग्नीकरण कर सकेगा।

शासन ने पिछले दिनों संलग्नीकरण समाप्त करने का आदेश जारी करते हुए तत्काल संलग्न शिक्षकों, व्याख्याताओं एवं कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने के निर्देश जारी किए थे। इस आदेश के बाद एससीईआरटी ने आज संलग्न शिक्षकों एवं कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर दिया किन्तु डीपीआई, समग्र शिक्षा, ओपन

स्कूल, जिला प्रशासन के विभिन्न कार्यालयों में संलग्न शिक्षकों एवं व्याख्याता अब तक जमे हुए हैं। कार्यालयों के अलावा मंत्रियों एवं विधायकों के कार्यालयों में भी कई शिक्षक संलग्न हैं। उन्हें अभी तक कार्यमुक्त नहीं किया गया है। संलग्न शिक्षक कार्यालयों में बाबूगिरी का काम कर रहे हैं जबकि उनका मूल काम बच्चों को पढ़ाना है। कई ऐसे भी स्कूल हैं जहां इन संलग्न शिक्षकों के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कुछ व्याख्याताओं के संलग्नीकरण से स्कूल में विषय शिक्षक का अभाव है। संलग्न शिक्षकों एवं व्याख्याताओं को कार्यमुक्त न कर शासन के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

एससीईआरटी से कार्यमुक्त किए गए शिक्षक व कर्मचारी–

प्रधान पाठक भास्कर देवागंन (रिकोखुर्द स्कूल कसडोल), उच्च वर्ग शिक्षक दुखित राम साहू (खँदा स्कूल बलौदाबाजार), शिक्षक एलबी श्रीमती फेस्टीराज (कुम्दा स्कूल सूरजपुर), सहायक शिक्षक एलबी श्रीमती गूंजा शर्मा (कोमाखान स्कूल बागबाहरा), शिक्षक एलबी सुश्री विधि तिवारी अ गरी कला स्कूल कबीरधाम), ।

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