ब्रह्मोस से भी घातक हाइपर सोनिक मिसाइल की जल्द होगी टेस्टिंग आत्मनिर्भर भारत की मिसाल है ET–LDHCM मिसाइल तुर्की पाकिस्तान दोनों होंगे रेंज में

प्रवक्ता.कॉम 29 जून 2025
दुनिया में बढ़ते तनाव और पाकिस्तान-तुर्की की नजदीकी को देख भारत सतर्क हो गया है. यही वजह है कि ये अपनी रक्षा ताकत को लगातार मजबूत करने में लगा हुआ है: दुनिया में बढ़ते तनाव और पाकिस्तान-तुर्की की नजदीकी को देख भारत सतर्क हो गया है. यही वजह है कि ये अपनी रक्षा ताकत को लगातार मजबूत करने में लगा हुआ है.
इसी कड़ी में जल्द ही एक नई हाईटेक मिसाइल शामिल होने वाली है, जिसका नाम एक्सटेंडेड ट्रैजेक्ट्री लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक मिसाइल (ET-LDHCM) है. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) प्रोजेक्ट विष्णु के तहत इस हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल को टेस्ट करने जा रहा है. माना जा रहा है कि ये हाइपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस से भी कई गुना तेज होगी, जिससे पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देशों के पसीने छूटेंगे.
यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी होगी. ब्रह्मोस, अग्नि-5 और आकाश मिसाइलों की सफलता के बाद अब DRDO अब इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. इस मिसाइल के सफलतापूर्वक टेस्टिंग के होते ही भारत विश्व की टॉप सैन्य शक्तियों में काफी आगे हो जाएगा. DRDO की इस मिसाइल से भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की मुहिम को भी नई ताकत मिलेगी.
ब्रह्मोस से भी कई कदम आगे होगा ET-LDHCM
प्रोजेक्ट विष्णु के तहत बन रही एक्सटेंडेड ट्रैजेक्ट्री लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक मिसाइल (ET-LDHCM) पूरी तरह स्वदेशी है. ये मिसाइल मैक-8 की स्पीड (लगभग 11,000 किमी/घंटा) से दुश्मन के ठिकानों को चंद मिनटों में नेस्तनाबूद कर सकती है. माना जा रहा है ये ब्रह्मोस से भी काफी बेहतर होगा. ब्रह्मोस जहां स्पीड मैक-3 (3,675 किमी/घंटा) की रफ्तार से वार करता है, वहीं ET-LDHCM उससे तीन गुना ज्यादा तेज होगा.
इस मिसाइल की रेंज भी 1,500 किलोमीटर की होगी, जबकि ब्रह्मोस की रेंज पहले 290 किमी थी, जिसे बढ़ाकर 400-450 किमी किया गया थ. यानी, रेंज के मामले में भी ये ब्रह्मोस से तीन गुना ज्यादा दमदार है. इतना ही नहीं, ये मिसाइल 1,000 से 2,000 किलो तक का पारंपरिक या परमाणु वारहेड ले जा सकती है और कम ऊंचाई पर उड़कर रडार को चकमा दे सकती है.
क्या है इस मिसाइल की खासियत?
ET-LDHCM में स्क्रैमजेट इंजन का इस्तेमाल हुआ है, जो हवा से ऑक्सीजन लेकर दहन करता है, न कि रोटेटिंग कंप्रेसर की मदद से. इससे ये मिसाइल हाइपरसोनिक स्पीड हासिल कर लेती है.
ये मिसाइल जमीन, हवा, या समुद्र कहीं से भी लॉन्च की जा सकती है, जिससे भारत की रणनीतिक ताकत कई गुना बढ़ जाती है.
इसका सबसे बड़ा कमाल है इसका रास्ता बदलने की काबिलियत. सामान्य बैलिस्टिक मिसाइलों के उलट, ये मिसाइल उड़ान के दौरान अपना रास्ता बदल सकती है और दुश्मन के ठिकानों को पिनपॉइंट सटीकता से तबाह कर सकती है.
ये 2,000 डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी बिना रुके काम कर सकती है, जो इसे और भी घातक बनाता है.
भारत के लिए बनेगा बड़ा हथियार
अभी तक ऐसी हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक सिर्फ रूस, अमेरिका और चीन के पास है. अगर ET-LDHCM का टेस्ट सफल होता है, तो भारत इस एलिट क्लब में शामिल हो जाएगा. ये मिसाइल न सिर्फ पाकिस्तान के लिए जवाबी ताकत होगी, बल्कि चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को बेहतर बनाने में भी भारत का बड़ा हथियार बनेगी.