मेकाहारा अस्पताल में 25 व्हील चेयर पर हजारों मरीजों का भार भारी भरकम बजट आखिर जा कहां रहा है ? कम से कम डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम का तो लिहाज करे प्रबंधन
खराब और जाम चक्के, घसीटते व्हील चेयर पर बैठे मरीज, अटेंडर के बैठने के लिए एक स्टूल तक नहीं बुनियादी उपकरण की भारी कमी से जूझ रहा है अस्पताल, पिछले साल में हुई खरीदी की जांच जरूरी
रायपुर प्रवक्ता.कॉम दिनांक 12 जुलाई 2025
राजधानी रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जिसके ऊपर छत्तीसगढ़ , उड़ीसा ,महाराष्ट्र से आने वाले मरीजों के जान बचाने की जिम्मेदारी है । यह अपस्ताल बुनियादी संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। अस्पताल में रोज सुबह से मरीजों को परिजन खुद ही वार्ड तक व्हील चेयर में बिठाकर इमरजेंसी और ओपीडी तक ले जाते दिख जाएंगे।यह कोई नई और अचरज की बात नहीं है। कोई भी नेता ,विधायक, मंत्री या खुद मुख्यमंत्री आकर इस नज़ारे को देख सकते हैं।

अस्पताल में आपातकाल गेट के बाहर एक कमरे में व्हील चेयर के लिए जद्दोजहद करते हुए मरीज के परिजन आधार कार्ड जमा करके खुद व्हील चेयर का जुगाड करते हैं ,फिर उसमें मरीज को खुद ही वार्ड में ले जाकर इलाज यात्रा की शुरुआत करते हैं। सरकार फिर भी इस तरह की व्यवस्था पर अपनी पीठ खुद ही थपथपाते हुए नहीं थकती है। यहां पर बात करने से पता चला कि अस्पताल के पास 25 से 30 ही व्हील चेयर ही उपलब्ध हैं। इसी कमी के चलते कई मरीज इलाज के लिए डाक्टर तक नहीं पहुंच पाते हैं। हैरत की बात यह है कि अंबेडकर अस्पताल का सालाना बजट करोड़ों में है फिर भी व्हील चेयर की कमी क्यों है ? इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ? जो जनता वोट देकर अच्छे इलाज के लिए जनप्रतिनिधि चुनते हैं ,विधानसभा भेजकर मंत्री बनने का अवसर देते हैं उनको इस तरह के दोयम दर्जे की स्वास्थ्य सुविधा क्यों मिल रही है। सवाल उठने पर कहा जाता है ,सरकारी अस्पताल है इतना भी मिल रहा है लेना है तो लो नहीं तो प्राइवेट में जाओ।

हाईकोर्ट को मामला संज्ञान में लेना चाहिए –
इस हॉस्पिटल ने डॉक्टर्स बहुत मुस्तैद रहते हैं मरीज और परिजन को भी उनसे शिकायत नहीं है लेकिन बाकी सब भगवान भरोसे चलता दिख रहा है।

विधानसभा के मानसून सत्र में स्वास्थ्य का मुद्दा जरूर उठाया जाना चाहिए, मैनेजमेंट पर कार्यवाही किए जाने की जरूरत है।
अब तक की गई व्हील चेयर एवं अन्य उपकरणों की विधानसभा कमिटी से जांच होनी चाहिए।
लेकिन इसकी उम्मीद कम ही है ।इसलिए माननीय उच्च न्यायालय को प्रदेश की जनता के स्वास्य के प्रति हो रहे कंप्रोमाइज को देखते हुए स्वतः संज्ञान की जरूरत है।

इस तरह की अव्यवस्था के चलते कैसे बनेगा मॉडल अस्पताल –

2025–26 के बजट में इस अस्पताल के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गईं हैं। कार्डियक सेवा के उन्नयन और विस्तार सहित , कैंसर की आधुनिक चिकित्सा प्रणाली का विस्तार, एम आर ,आई और नए सिटी स्कैन मशीनों की खरीदी शामिल है।