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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने खत्म की नो डिटेंशन पालिसी 5 वीं 8 वीं परीक्षा के पुराने पैटर्न की वापसी , छत्तीसगढ़ में फिर से जारी होंगे नए नियम

छत्तीसगढ़ सरकार पहले ही नियमों में बदलाव कर चुकी है,निः शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 में हुए संशोधन


प्रवक्ता.कॉम दिनांक 23.12.24
केंद्र की सरकार ने अपने तमाम प्रयासों के बावजूद निचले स्तर पर गिरते शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए 5वीं और 8वीं की परीक्षा में मिलने वाले पूर्व के नो डिटेंशन के नियम को खत्म कर दिया है।
यानी कि अब जनरल प्रमोशन से बच्चों को पास करने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बच्चों के लिए बने निः शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार( RTE ACT 2009)
में परिवर्तन कर दिया है।
राजपत्र में बदलाव की नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गई–
बच्चों के लिए 2009 में बने निः शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम में 2019 में संशोधन कर बच्चों को 5वीं और 8वीं की परीक्षा में फेल नहीं करने का प्रावधान किया गया था ,जिसे स्कूल शिक्षा और साक्षरता मंत्रालय से जारी राजपत्र की अधिसूचना दिनांक 16.12.24 नई दिल्ली के अनुसार सा.का.नि. 777(अ) – केन्द्रीय सरकार ,निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम,2009 का 35 की धारा 38 की उपधारा (2) के खंड के (च क ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते निः शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम 2010 का संशोधन करने के लिए नियम बनाती है।

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निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में संशोधन –

(1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम निः शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियम,
2024 है।
(2) ये सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन तो तारीख को लागू होंगे।
निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2010 में ,भाग ,5 के पश्चात निम्नलिखित भाग अतः स्थापित किया जाएगा अर्थात:–
“भाग , 5 क – कतिपय मामलों में परीक्षा और रोका जाना”
स्कूल और शिक्षकों के लिए नए नियम में किया गए आवश्यक प्रावधान–


इसके अतिरिक्त कई उपनियम भी बनाए गए हैं जिसके अनुसार प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत पर पांचवी और आठवीं की नियमित परीक्षा होगी।
यदि कोई बालक परीक्षा संचालन के बाद यदि कोई बालक समय समय पर यथा स्थिति अधिसूचित प्रोन्नति मानदंड को पूरा करने में असफल रहता है तो उसे परिणाम घोषित होने की तारीख से दो माह की अवधि के भीतर पुनः परीक्षा के लिए अतिरिक्त अनुदेश का अवसर दिया जाएगा।
इसके बाद भी निर्दिष्ट पुनः परीक्षा में उपस्थित होने वाला बालक प्रोन्नति के मानदंड को पूरा करने में पुनः असफल है,तो यथा स्थिति , पांचवी कक्षा या आठवीं कक्षा में रोक दिया जाएगा।
बालक को रोके रखने की स्थिति में कक्षा बालक के साथ साथ ,यदि आवश्यक तो बालक के माता पिता का भी मार्गदर्शन करेगा।
इस नवीन संशोधन के अनुसार किसी भी बालक को स्कूल से तब तक नहीं निकला जा सकेगा जब तक वह प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं लेता।

छत्तीसगढ़ सरकार ने पहले ही बदलाव कर दिया था

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा किए गए निः शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार में नए संशोधन के पहले ही छत्तीसगढ़ सरकार ने केबिनेट में निर्णय लेकर 5 वो और 8 वीं की बोर्ड परीक्षा कराने के लिए शिक्षा विभाग को नियम बनाने अधिकृत कर दिया था जिसके बाद स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी के हस्ताक्षर से विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए गए थे।

जल्द ही छत्तीसगढ़ में नए संशोधन के अनुरूमी नवीन निर्देश जारी होगा–

छत्तीसगढ़ में अब फिर से 5 वीं और 8 वीं की परीक्षा के संचालन के लिए नए नियम बनाकर जारी किए जाने की तैयारी हो रही है। केंद्रीय सरकार के द्वारा राजपत्र में किया गया संशोधन देश भर में लागू किया जाएगा।इसलिए नए राजपत्र के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भी सत्र के अंत में 5वीं और 8 वीं की परीक्षा संचालित की जाएगी।

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