छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि विनोद कुमार शुक्ल को मिलेगा ज्ञानपीठ पुरस्कार

रायपुर, 22 प्रवक्ता.कॉम मार्च 2025
छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित साहित्यकार, उपन्यासकार एवं कवि विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार सम्मान की घोषणा की गई है।
इस पर हर्ष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें बधाई दी है। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत गौरव का क्षण बताया और कहा कि शुक्ल जी ने छत्तीसगढ़ को भारत के साहित्यिक मानचित्र पर गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान किया है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने से बड़ा छत्तीसगढ़ का गौरव –

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विनोद कुमार शुक्ल का साहित्य विचारों और संवेदनाओं का अद्वितीय संगम है, जो जनमानस को छूता है। उनकी रचनाओं में गहराई, मौलिकता और मानवीय सरोकारों की झलक मिलती है। उनका रचना संसार छत्तीसगढ़ की माटी की खुशबू को भारत के कोने-कोने में पहुँचाता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ज्ञानपीठ जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित होना न केवल उनके सृजन की पहचान है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक एवं साहित्यिक वैभव की भी मान्यता है। मुख्यमंत्री साय ने उनके दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की है।
क्या होता है ज्ञान पीठ पुरस्कार –
भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार, भारत का सबसे बड़ा साहित्यिक पुरस्कार है. यह पुरस्कार, किसी लेखक को उनके साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है. यह पुरस्कार, भारतीय ज्ञानपीठ हर साल देता है.
ज्ञानपीठ पुरस्कार देने के ये कारण हैं:
- यह पुरस्कार, भारतीय भाषाओं में साहित्यिक रचनाओं को प्रोत्साहित करता है.
- यह पुरस्कार, भारतीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है.
- यह पुरस्कार, कला और संस्कृति को बढ़ावा देता है.
- यह पुरस्कार, भाषाई विविधता को संरक्षण और संवर्धन देता है.
ज्ञानपीठ पुरस्कार से जुड़ी कुछ और बातें:
- यह पुरस्कार, साल 1961 में स्थापित हुआ था.
- यह पुरस्कार, पहली बार साल 1965 में दिया गया था.
- यह पुरस्कार, अंग्रेज़ी और अन्य भारतीय भाषाओं के लिए दिया जाता है.
- यह पुरस्कार, मरणोपरांत नहीं दिया जाता.
- यह पुरस्कार, भारतीय नागरिकों को ही दिया जाता है.
- यह पुरस्कार, साहित्य में किसी लेखक के समग्र योगदान के लिए दिया जाता है.
- यह पुरस्कार, नकद पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र, और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा के साथ दिया जाता है.