जिला पंचायत आरक्षण की प्रकिया पर कांग्रेस ने उठाए सवाल भूपेश बघेल,दीपक बैज ने कहा यह आरक्षण पिछड़ावर्ग के साथ विश्वासघात
छत्तीसगढ़ के 33 जिला पंचायतों में से एक भी पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होने पर विपक्ष ने उठाए सवाल
रायपुर प्रवक्ता.कॉम दिनांक 12 जनवरी 2025
त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न हो गई है , प्रदेश के 33 जिला पंचायतों में आरक्षण की प्रकिया निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल आडिटोरियम में की गई थी।
दिनांक 11.1.25 को किए गए आरक्षण के अनुसार विहित प्राधिकारी की हैसियत से संचालक पंचायत के द्वारा आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की गई थी, इस आरक्षण में जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों के प्रवर्गवार एवं अनारक्षित सहित प्रवर्गवार महिला आरक्षण की कार्यवाही संपन्न की गई।
जिला पंचायत की कुल 33 अध्यक्ष पदों में आरक्षण की स्थिति –
अनुसूचित जनजाति मुक्त के लिए 08 जिलों में पद आरक्षित किए गए ये जिले हैं कोरिया, सरगुजा, बलरामपुर,जशपुर,कोरबा,नारायणपुर, दंतेवाड़ा,मोहला मानपुर,अंबागढ़ चौकी
अनुसूचित जनजाति महिला के लिए 08 अध्यक्ष पद आरक्षित किए गए जिनमें सूरजपुर, कांकेर, बस्तर, कोंडागांव, सुकमा ,बीजापुर,मनेंद्र गढ़, चिरमिरी,भरतपुर,गौरेला पेंड्रा,मरवाही।
अनुसूचित जाति मुक्त के लिए 02पद के अंतर्गत बिलासपुर ,गरियाबंद।
अनुसूचित जाति महिला के लिए 02पद अंतर्गत जांजगीर चांपा, दुर्ग।
अनारक्षित मुक्त के06 अध्यक्ष पद के लिए मुंगेली,सारंगढ़– बिलाई गढ़, कबीरधाम,रायपुर, महासमुंद, धमतरी
अनारक्षित महिला के कुल07 पद के लिए–
रायगढ़, सक्ती ,राजनांदगांव, बेमेतरा,बालोद, खैरागढ़–छुई खदान–गंडई, बलौदा बाजार भाटापारा को आरक्षित किया गया है।
एक भी जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पिछड़ावर्ग को नहीं मिलने से बिफरे भूपेश बघेल , दीपक बैज ने भी बी जे पी पर बोला हमला–
इस आरक्षण की प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने सवाल खड़े करते हुए इसे पिछड़ा वर्ग के साथ धोखा और उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया है , कहा है कि बी जे पी पिछड़ावर्ग आरक्षण को खत्म करने की साजिशे रच रही है।आरक्षण की यह प्रकिया स्वीकार्य नहीं है। दीपक बैज ने इसे पिछड़े वर्ग के साथ विश्वासघात कहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बी जे पी पर पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि..
आखिर वही हुआ जिसकी आशंका मैने व्यक्त की थी। पूरे प्रदेश में एक भी जिले में अब पिछड़े वर्ग के जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए पद आरक्षित नहीं होगा।जिस प्रदेश में लगभग पचास प्रतिशत आबादी पिछड़े वर्ग की है वहां उनको कोई आरक्षण न देना भाजपा की सोच ही हो सकती थी।
इस सूची को रद्द कर नई संशोधित सूची जारी करनी चाहिए।