Breaking Newsकर्मचारी जगतछत्तीसगढ़
Trending

छत्तीसगढ़ राज्य के बजट पर विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने बजट के संबंध में मिली जुली प्रतिक्रिया देते हुए महंगाई भत्ते के देय तिथि से एरियर्स के भुगतान की मांग की है

राज्य के कर्मचारियों के लिए डी ए कि घोषणा का अधिकतर कर्मचारी संगठनों ने स्वागत किया है लेकिन इसके लंबित एरियर्स के भुगतान किए जाने की मांग करते हुए,सरकार द्वारा कर्मचारियों के एरियर्स को नहीं दिए जाने की आलोचना की है

रायपुर प्रवक्ता. कॉम 3 मार्च सोमवार 2025

Join WhatsApp

छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सोमवार, 3 मार्च को विधानसभा में वर्ष 2025 का बजट पेश किया। बजट से पहले उन्होंने शिव पूजन किया और राम मंदिर में दर्शन के बाद कैबिनेट बैठक में बजट को मंजूरी दिलाई। विधानसभा में बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि यह बजट राज्य के आर्थिक सशक्तिकरण, आधारभूत संरचना के विस्तार और नीतिगत सुधारों को गति देगा। को

वित्तमत्री ने कहा कि यह बजट 2047 तक विकसित राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है और यह बजट उसी दिशा में एक प्रयास है।बजट में वित मंत्री ने राज्य के 4 लाख कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 50 से बढ़ाकर 53 प्रतिशत किया है । तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी का लाभ कर्मचारियों को मार्च 2025 के देय वेतन से मिलेगा।

राज्य के विभिन्न कर्मचारी संगठनों की इस 2025 के बजट पर अलग अलग प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं जो उन्हीं के शब्दों में इस प्रकार से है·

अनिल शुक्ला (अध्यक्ष छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस एवं प्रांतीय संयोजक अधिकारी कर्मचारी मोर्चा ) –


कर्मचारियों के लिए बजट निराशाजनक,मोदी की गारंटी फेल शुक्ला
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला शुक्ला ने वित्त मंत्री ओ पी चौधरी द्वारा प्रस्तुत बजट में कर्मचारियों को 1अप्रैल से तीन प्रतिशत डीए का झुनझुना पकड़ा दिया गया है।छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी फेल है।कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने वित्तमंत्री तथा वित्त सचिव से चर्चा कर कर्मचारी हित में बजट प्रावधान करने की मांग किया था।
बजट पर छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक संघ के (संजय तिवारी) की प्रतिक्रिया इस प्रकार से है–

बजट निराशा जनक ,,,संकल्प पत्र को ही झुठलाया ,,,,,,,,,,,,,,,। छत्तीसगढ़ विद्यालय शिक्षक कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय तिवारी ने राज्य सरकार के आज प्रस्तुत बजट को अत्यंत निराशाजनक बताते हुए अपने ही संकल्प पत्र को झुठलाने वाला बताया है श्री तिवारी ने बताया कि संकल्प पत्र में केंद्र के समान नियत तिथि से मंहगाई भत्ता देने का उल्लेख है वही बजट में अप्रैल 2025 से मंहगाई भत्ता देने की घोषणा की गई है बाकी एरियर्स गटक गई सरकार ,,बजट में 250 करोड़ का कर्मचारियों के लिए पेंशन कल्याण कोष का प्रावधान किया गया है ,कर्मचारियों की संख्या के अनुरूप यह भी काफी कम है ,,।

बजट पर शिक्षकों के एक बड़े मान्यता प्राप्त संगठन छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह ठाकुर की बजट पर प्रतिक्रिया –

उन्होंने कहा है वित्त मंत्री ने जो बजट राज्य के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया है उसका छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ स्वागत करता है ,परन्तु राज्य के कर्मचारियों के महंगाई में जो वृद्धि की गई है वह केंद्र सरकार के द्वारा देय तिथि से होनी चाहिए ।साथ ही साथ सरकार को अब तक पिछली लंबित महंगाई भत्ते की देय तिथि से एरियर्स के भुगतान के प्रावधान भी बजट ने किया जाना था । छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ की मांग है कि महंगाई भत्ता को केंद्र के समान देय तिथि से दिया जाना सही होगा।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कोषालय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ठाकुर ने भी राज्य बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है

कि सरकार का यह बजट राज्य के समग्र विकास की दृष्टि से अनुकूल एवं स्वागतेय है परंतु राज्य के विकास और योजनाओं को गति देने वाले मैदानी सरकारी कर्मचारियों की तरफ भी सरकार को और ध्यान देने की जरूरत है ।महंगाई भत्ते के भुगतान के समय देय तिथि से भुगतान की जो परम्परा चल पड़ी है वह गलत है। सरकार और वित्त मंत्री जी को चाहिए कि जब कभी भी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की स्वीकृति होती है तो उसके साथ साथ लंबित एरियर्स की राशि का भी भुगतान होना चाहिए।

अध्यक्ष छत्तीसगढ़ सर्व शिक्षक कल्याण संघ भूपेंद्र बनाफर ने बजट पर अपनी राय इस प्रकार से व्यक्त किया है

आज वित्त मंत्री माननीय ओपी चौधरी जी द्वारा बजट पेश किया गया जो कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के लिए निराशाजनक रहा एवं पूरी तरह से मोदी जी की गारंटी फैल रही क्योंकि हर बार की तरह इस बार भी महंगाई भत्ता दे तिथि से भुगतान नहीं हुआ और पिछली सरकार की तरह इस सरकार द्वारा भी निराशाजनक फैसला लेते हुए दे तिथि से महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं किया गया और हर बार की तरह लाखों कर्मचारियों को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा इस तरह के प्रावधान से कर्मचारी जगत में निराशा की लहर है ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button