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छत्तीसगढ़ जागरूक शिक्षक संघ की रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी को दो टूक – कहा शिक्षकों को परेशान करने का विभागीय षड्यंत्र किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं आदेश वापस लो वरना होगा विरोध

जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर ने अवर सचिव आरपी .वर्मा के ग्रीष्मकालीन अवकाश के आदेश की अवहेलना कर समर कैंप शिवर का आदेश किस हैसियत से जारी किया , शिक्षकों में आक्रोश


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रायपुर प्रवक्ता.कॉम 20 अप्रैल 2025

जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर के द्वारा राज्य शासन के ग्रीष्मकालीन अवकाश के आदेश के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए दिनांक 19.4.25 को अपने आदेश क्रमांक 7567 को ग्रीष्मकालीन समर शिविर लगाने के आदेश ने जिले के शिक्षकों के आक्रोश को बढ़ा दिया है ।जो साल भर से गर्मी की छुट्टियों में अपने परिवारिक कार्यों की प्रतिक्षा करते हैं।

इसे में शिक्षकों ने इस आदेश का खुला विरोध शुरू कर दिया है । आदेश के खिलाफ उच्च कार्यालय में इसकी शिकायत करने का निर्णय लिया है।


अभी ग्रीष्मावकाश शुरू हुआ भी नहीं और विभाग की नजरे शिक्षकों के प्रति टेढ़ी हो गई। इस वर्ष समर क्लास के नाम पर रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है। टाइम टेबल भी जारी हो गई।
इस मुद्दे को लेकर “छत्तीसगढ़ जागरूक शिक्षक संघ” ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। संगठन ने कहा है कि ग्रीष्म अवकाश में समर कैंप या किसी भी प्रकार की विभागीय गतिविधि चलाकर शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों एवं स्कूली बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जाना, उन्हें बेतहाशा गर्मी में परेशान अथवा प्रताड़ित करना….ये सब चीजें संगठन कतई बर्दास्त नहीं करेगा।

जब शासन ने ग्रीष्मकालीन अवकाश का आदेश जारी किया हुआ है तब इस आदेश को जारी करने का क्या है औचित्य डीईओ पर हो कार्यवाही–

राज्य शासन ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के संबंध ने पूर्व में ही प्रदेश भर के जिला शिक्षा अधिकारियों के नाम एक आदेश क्रमांक एफ 3–2 /2016/20–तीन दिनांक 20.9.24 को ही दिनांक 1 मई 2025 से 15 जून 2025 तक 46 दिन के ग्रीष्मकालीन अवकाश के आदेश जारी किए गए हैं उसके बाद जिला अधिकारी रायपुर ने अवर सचिव आर पी वर्मा के आदेश से ऊपर जाकर ऐसा आदेश क्यों दिया इसकी जांच होनी चाहिए और इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी के रायपुर के विरुद्ध कार्यवाही भी होनी चाहिए।


संघ के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू, प्रदेश सचिव राजेंद्र लाडेकर, प्रदेश उपाध्यक्ष बीरेंद्र साहू, शिव कुमार साहू, तुलसीराम पटेल, नरेंद्र तिवारी, भोजराम साहू, कमलेश कुमार भारती आदि ने कहा कि स्कूली बच्चे गर्मी के दिनों में अपने मामा मामी, नाना नानी, चाचा चाची, मौसी मौसी सहित अन्य रिश्तेदारों के यहां जाते हैं। घूमते फिरते हैं। जिससे उनका मानसिक विकास होता है। वे सालभर के पढ़ाई की व्यस्तता से रिफ्रेश होते है। उन्हें परिवार और रिश्तेदारों की जानकारी होती है।
वर्ष भर जुलाई से अप्रैल माह तक सारी स्कूली गतिविधिया संपन्न होती हैं। सारे प्रकार के शिक्षण कार्य जैसे शारीरिक, मानसिक, खेलकूद आदि सालभर सम्पन्न होते है।
गर्मी के इस तपती धूप में बच्चों को राहत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा ग्रीष्म अवकाश दिया जाता है। जो सदियों की परम्परा है। ग्रीष्म अवकाश में इतनी धूप रहती है कि सुबह से ही बेतहाशा गर्मी तन जाती है। स्कूल भवनों में काफी गर्मी रहती है।
अधिकांश स्कूल ऐसे हैं जहां पर्याप्त पंखे कूलर आदि नहीं है। ऐसे में ग्रीष्म अवकाश लगाना संभव ही नहीं है। दूसरी ओर अधिकांश शिक्षक ऐसे हैं जो वर्षों से घर परिवार से दूर दराज में पदस्थ हैं। ऐसे शिक्षक भाई एवं शिक्षिका बहनो को साल भर से गर्मी छुट्टी का इंतजार रहता है।
ग्रीष्म अवकाश लगते ही सभी शिक्षक व कर्मचारी अपने घर परिवार आदि में समय देते हैं। शादी विवाह एवं रिश्तेदारों में समय देते हैं। लेकिन इस प्रकार का बेतुका आदेश शासन प्रशासन का शिक्षकों के प्रति दुर्भावना को दर्शाता है।
अन्य विभागों में ग्रीष्म अवकाश नहीं रहता जिसके बदले सालाना उन्हें अर्जित अथवा अलग से अवकाश दो से तीन माह का रहता है। परंतु जैसे ही शिक्षकों को ग्रीष्म अवकाश मिलता है। तब विभाग के अफसरों की नजरे शिक्षकों पर तिरछी हो जाती है।
कुछ वर्षों से यह देखा जा रहा है कि समर क्लास को स्वैच्छिक के नाम पर जबरदस्ती किया जा रहा है। विगत वर्ष भी सभी जगह समर क्लास को स्वैच्छिक के नाम पर जबरदस्ती किया गया। मॉनिटरिंग टीम बनाकर शिक्षकों पर मौखिक रूप से दबाव बनाया जाता है।
छत्तीसगढ़ जागरूक शिक्षक संघ ने कहा है कि इस वर्ष यदि इस प्रकार की गतिविधिया की गई और यदि शिक्षकों पर जबरदस्ती विभागीय दबाव डाला गया तो संगठन द्वारा इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
संगठन ने कहा कि किसी भी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस प्रकार का आदेश जारी किया गया तो संबंधित कार्यालय का घेराव किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी।
प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू, प्रदेश सचिव राजेंद्र लाडेकर, प्रदेश उपाध्यक्ष बीरेंद्र साहू, शिव कुमार साहू, लता मलिक, तुलसी राम पटेल, प्रदेश महामंत्री नरेंद्र तिवारी, पुरुषोत्तम शर्मा, प्रदेश संयुक्त महामंत्री तुलासी पटेल, तिलक यदु, प्रदेश महासचिव भोजराम साहू, गायत्री मंडलोई, महेश्वर कोटपरिहा, प्रदेश संयुक्त सचिव हरिशंकर पटेल, कमलेश कुमार भारती, प्रदेश प्रवक्ता, नरेंद्र तिवारी, केशव पटेल, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रोहित कुमार पटेल, अमर दास बंजारे, रामसेवक पैकरा, राजेंद्र कुमार साहू, जगदीश साहू, दिनेश कुमार लहरें, देवेंद्र वर्मा, प्रमोद कुंभकार, दिनेश निर्मलकर, संतोष जैन, मनोज यादव, अभिषेक तिवारी, सुषमा प्रजापति, नारद सहारे, मुकेश दिवाकर, शंभूराम साहू, चंद्रशेखर सारथी, रेखा पुजारी, अरविंद पांडे, देवीदयाल साहू, फूलदेव गुप्ता
हीरालाल विश्वकर्मा, ज्वाला बंजारे, महेश शर्मा, बिमला लकड़ा, मंजू शर्मा, तुलसा मंडावी, नंदकुमार पटेल, रूलिका लकड़ा, नूरजहां खान, रूपेंद्र कुमार साहू, कोमल सिंह गुरु, तिलक खांडे, कुलदीप सिन्हा, कौशल्या कोले, शशिमा कुर्रे, विनोद सिंह राजपूत, मनीषा मिंज, कजला महिलांगे, कुलेश्वरी साहू, कैलाशचंद्र ठाकुर आदि ने ग्रीष्मावकाश में समर कैंप सहित अन्य सभी गतिविधियों का पुरजोर विरोध किया है।

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