कैसे मिलेगी रोजगार की गारंटी जब मशीन बनाएंगे चेक डेम ? केसलमरा में मनरेगा के नियमों की उड़ी धज्जियां !
कबीरधाम जिले के पंडरिया जनपद पंचायत अंतर्गत केशलमरा में इंसान नहीं मशीन कर रहे हैं मनरेगा में काम , सी ईओ जनपद कब लेंगे संज्ञान ?
कबीरधाम /पंडरिया /प्रवक्ता.कॉम 05 नवंबर 2025
कबीरधाम जिले जनपद पंचायत पंडरिया के ग्राम पंचायत खरहट्टा के आश्रित ग्राम केसलमरा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत चेक डेम निर्माण कार्य में धड़ल्ले से मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। योजना के नियमों के अनुसार, मनरेगा श्रम-प्रधान होना चाहिए, जिसमें अधिक से अधिक मजदूरों को रोजगार मिले, लेकिन यहाँ मशीनों से काम लिया जा रहा है। इससे मजदूरों को काम नहीं मिल रहा और योजना का मूल उद्देश्य विफल हो रहा है ।

मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल रही है। योजना के तहत मजदूरों को 100 दिन का रोजगार और न्यूनतम मजदूरी मिलनी चाहिए, लेकिन यहाँ मजदूरों को न तो काम मिल रहा है और न ही मजदूरी
निर्माण स्थल पर निर्माण सामग्री का अभाव
निर्माण स्थल पर निर्माण सामग्री की कमी बताई जा रही है। सरपंच के निवास स्थान से मिलर मिर्च मशीन मिलाकर निर्माण स्थल ले जाया जा रहा है, जिससे निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी हो रही है। इसके अलावा, लोकल हाफ नदी का मिट्टी युक्त रेत का उपयोग किया जा रहा है, जो कि नियमों के विरुद्ध है।
सरपंच, अधिकारी और तकनीकी सहायक की मिलीभगत

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरपंच, अधिकारी और तकनीकी सहायक की मिलीभगत से यह सब हो रहा है। मशीनों का उपयोग, मजदूरों को मजदूरी न देना, और घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग, सब कुछ मिलकर योजना को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है ².
ग्रामीणों ने लगाए आरोप
ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक जांच नहीं होगी, उन्हें न्याय नहीं मिलेगा। इस मामले में आगे की जांच और कार्रवाई की जानी चाहिए।
क्या है मनरेगा के नियम
मनरेगा के नियमों के अनुसार, योजना में 100 दिन का गारंटीड रोजगार, न्यूनतम मजदूरी और काम की जगह 5 किमी के दायरे में होनी चाहिए। श्रमिकों की उपस्थिति और भुगतान अब आधार/मोबाइल ऐप से जुड़े हैं, लेकिन मशीनों के उपयोग पर रोक लगाने के लिए सख्त निगरानी की जरूरत है ¹ ³.
क्या किया जा सकता है
ग्रामीणों को ग्राम सभा में शिकायत दर्ज करनी चाहिए और जॉब कार्ड धारकों को जागरूक करना चाहिए। ऑडिट और सोशल ऑडिट की मांग करनी चाहिए ताकि मशीनों के उपयोग की जांच हो। उच्च अधिकारियों/जिला प्रशासन से शिकायत करें और जांच की मांग करें।






