
रायपुर/कोरबा /प्रवक्ता.कॉम 20 नवंबर 2025
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कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी के रवैया और कार्य प्रणाली पर लगातार उंगलियां उठने के बावजूद हालात ठीक नहीं हो रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी दिनों दिन निरंकुश होकर कार्य कर रहे हैं। कई बार उनके कार्य पद्धति पर सवाल उठने के बाद भी शासन की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

आपत्ति जनक है कोरबा डी ई ओ की कार्यप्रणाली तत्काल हटाया जाए –

स्कूल शिक्षा विभाग जिला कोरबा अंतर्गत प्राथमिक, उच्च प्राथमिक,हाई एवं हायर सेकेंडरी विद्यालय स्तर पर हजारों हजार शिक्षक कार्यरत हैं जो अपनी योग्यता एवं अर्हता की वृद्धि कर ऊंचे मुकाम हासिल करने, पदोन्नति प्राप्त करने की सोच रखते हैं जिसके लिए उच्च शिक्षा परीक्षा एवं कार्योत्तर अनुमति के लिए विधिक एवं नियमानुकूल विभागीय उच्च अधिकारियों के समक्ष सैकड़ों शिक्षकों अपनी अभ्यावेदन वर्षों से जमा किए हुए हैं और अनुमति आदेश के प्रयास हेतु सतत रूप से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं स्थापना शाखा प्रभारी के चक्कर लगाते रहते हैं, किंतु हमेशा की तरह केवल एक ही जवाब कि, अधिकारी हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। तत संबंध में कुछ शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों को ज्ञात होने पर संगठन के माध्यम से बाकायदा लिखित रूप में उच्च शिक्षा परीक्षा अनुमति एवं कार्योत्तर अनुमति आदेश जारी करने हेतु निवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है किन्तु आज पर्यंत तक अनुमति आदेश जारी नही करने की मंशा समझ से परे है। कार्योत्तर अनुमति आदेश जारी नही होने के कारण कई शिक्षकों की उच्च शिक्षा की योग्यता सेवा पुस्तिका मे इंद्राज नही हो पा रहा है। अनुमति आदेश के आभाव से प्रभावित शिक्षकों के द्वारा संघ को ज्ञात हुआ है कि कुछ निजी स्वार्थ से प्रेरित संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा अपने-अपने हितैषी शिक्षकों का अधिकारी से संपर्क कर अनुमति आदेश प्राप्त कर लेते हैं किंतु ऐसे शिक्षक जिनका सीधा सम्बन्ध न तो संगठन के पदाधिकारियों से है और ना ही अधिकारी से ऐसे शिक्षकों के लिए केवल इंतजार करने के सिवा और अन्य कोई विकल्प प्रतीत नहीं होता।
शासन ध्यान दे वरना होगा बड़ा आंदोलन

छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश बघेल एवं छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ बिलासपुर के संभागीय अध्यक्ष डॉक्टर तरुण सिंह राठौड़ द्वारा संयुक्त रूप से कहा गया कि जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा द्वारा शिक्षकों को उच्च शिक्षा की योग्यता से बंचित किया जाना एवं परीक्षा एवं कार्योत्तर अनुमति आदेश जारी नही करना शिक्षकों का उच्च शिक्षा प्राप्त करने के मूल अधिकारों का हनन है। संघ द्वारा मांग की गई है कि ऐसे मामलों पर स्कूल शिक्षा विभाग को गंभीरता से संज्ञान लेकर प्रभावित शिक्षकों को अविलंब उच्च शिक्षा परीक्षा एवं कार्योत्तर अनुमति आदेश जारी करना चाहिए।ताकि प्रभावित शिक्षकों को समय रहते उसका लाभ मिल सके।यदि उक्त मामले मे विभाग द्वारा समाधान कारक अविलम्ब पहल नही हुई तो संघ उच्च स्तर पर शिकायत पत्र प्रेषित करने बाध्य होगा।





