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कितने स्कूलों ने मान्यता नहीं ली, इसका डेटा नहीं है डीईओ ऑफिस में

रायपुर में लगभग 900 प्राइवेट स्कूल, इस साल 195 ने किया रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल के लिए आवेदन हर तीन साल में रिन्यूअल कराने का है नियम


सिटी रिपोर्टर.रायपुर प्रवक्ता.कॉम दिनांक,21 मार्च 2025
रायपुर के कितने स्कूल ऐसे हैं, जिन्हें इस साल मान्यता लेनी थी, इसकी जानकारी के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कोई सिस्टम नहीं है। कार्यालय में ऐसा कोई डेटा भी मेंटेन नहीं किया जाता, जिससे यह बताया जा सकें कि साल-दर-साल कितने स्कूल को मान्यता लेने के लिए आवेदन करना होगा। कार्यालय में मान्यता सेक्शन से संबंधित अधिकारियों से जब इसपर बात की गई तो उनका कहना था कि कार्यालय में स्कूल के बारे में कोई शिकायत आती है, उसके बाद ही यह जानकारी हो पाती है कि स्कूल की मान्यता है भी की नहीं।

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रायपुर में लगभग 900 प्राइवेट स्कूल हैं। इस साल 195 स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने मान्यता लेने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन किया है। लेकिन कार्यालय से यह जानकारी ली गई कि कितने स्कूल को आवेदन करना था तो उन्होंने साफ कहा कि ऐसा कोई सिस्टम या डेटा नहीं है, जिसके अनुसार ये बताया जा सकें। विभाग के अधिकारी ही मानते हैं कि ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिसमें साल-दर-साल कितने स्कूल को मान्यता लेनी है उनकी जानकारी आ जाए।
तीन स्कूल बंद तो 60 हो सकते है शुरू –
कार्यालय के अनुसार, कोविड के बाद से कई स्कूल बंद हो गए हैं और ऐसे कई स्कूल हैं, जिन्होंने मान्यता के लिए आवेदन ही नहीं किया है। हर साल कुछ स्कूल बंद करने और कुछ नए स्कूल शुरू करने के बाद आवेदन आते हैं। रायपुर में इस साल लगभग तीन स्कूल बंद करनेे के लिए आवेदन किया है और लगभग 60 स्कूल नए शुरू होने वाले हैं। नए स्कूल की जांच करनेे के बाद उन्हें मान्यता दी जाएगी।

हर तीन साल में लेनी होती है मान्यता –
जानकारी के अनुसार, प्राइवेट स्कूलों को हर तीन साल में मान्यता के लिए आवेदन करना होता है। एक बार मान्यता ले लेने के बाद प्रत्येक तीन साल में उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन रीन्यूवल करना होता है। यदि स्कूल ऐसा नहीं करते है तो उनकी मान्यता खत्म कर दी जाती है।

डीईओ से नहीं हुआ संपर्क
रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी से इस संबंध पर बात करने जब डीईओ ऑफिस गए तो वे ऑफस में नहीं मिले। वहीं, उनसे कॉल पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई पर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं, विभाग के दूसरे अधिकारियों से इसपर बात की गई तो उनका साफ कहना था कि हां ये दिक्कत तो है। इसके लिए कर्मचारियों को कई बार कहा जा चुका है, लेकिन डेटा बहुत बड़ा है इसे बनाने में काफी समय लग सकता है।

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