भारत को विश्व गुरु बनाना है तो प्राचीन भारतीय गुरुकुल शिक्षा पद्धति को अपनाना होगा – दानी राम वर्मा
देश दुनिया की सभी समस्याओं का एक ही हल गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था
प्रवक्ता.कॉम /16.12.24// रायपुर
राजधानी रायपुर के ग्रैंड नीलम होटल में आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में अपने पुस्तक “स्वदेशी शिक्षा अभियान” के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए शिक्षाविद एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता दानी राम वर्मा ने वर्तमान शिक्षा पद्धति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारी वर्तमान शिक्षा व्यवस्था मैकाले की गुलाम हो गई है।हमारी मानसिकता अंग्रेजी हो गई है
भारत को विश्वगुरु बनाना है
जब तक हम गुरुकुल की ओर नहीं लौटेंगे , भारत विश्व गुरु नहीं बन सकता ।
इसके लिए सरकारों को अपनी शिक्षा नीतियों में परिवर्तन कर गुरुकुल शिक्षा और स्वदेशी शिक्षा की व्यवस्था को पुर्नस्थापित करने की आवश्यकता है।
दानीराम जी वर्मा ने अपनी पुस्तक के माध्यम से विश्वगुरु भारत की आधारशिला गुरुकुल को बताया है।
उन्होंने अपने किताब के माध्यम से कहा है कि देश दुनिया की सभी समस्याओं का एक ही हल गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था की बहाली को बताया है।
दानीराम वर्मा ने इस पुस्तक की प्रेरणा स्त्रोत के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार स्वर्गीय बब्बन प्रसाद मिश्र को बताया है।
प्रवक्ता.कॉम से विशेष चर्चा में दानी राम जी ने मिश्रा जी को याद कर नमन भी किया ।
एक लेखक के रूप में उनकी भादों के झरोखे, काव्यांजलि, कालजयी, पुरोधा, शिक्षा बचाओ अभियान जैसी पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं
वो छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के दो बार प्रदेश अध्यक्ष भी रहे ।दानी गर्ल्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रायपुर में लंबे समय तक प्राचार्य रहे।
नर्मदा प्रसाद मिश्र के हाथों हुआ पुस्तक का विमोचन
उनकी पुस्तक स्वदेशी शिक्षा अभियान का विमोचन साईं फाउंडेशन एवं छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा प्रायोजित “रस रंग” सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान देश भर से आए कवि एवं साहित्यकारों की उपस्थिति में हुआ।
इस अवसर पर अनेक रंगारंग शास्त्रीय कत्थक नृत्य की प्रस्तुति , कवि सम्मेलन एवं छत्तीसगढ़ के पर्यटन पर परिचर्चा का आयोजन भी किया गया। पुस्तक विमोचन के अवसर पर उनके परिवार जन सहित उनके मित्र दिलीप केशरवानी, नरेंद्र सिंह ठाकुर ,जितेंद्र सिंह राजपूत, अभिषेक पांडेय, चंचल पाण्डेय, सहित सैकड़ों की संख्या में साईं फाउंडेशन के कार्यकम में आयोजित साहित्यकार उपस्थित रहे।