उत्तरप्रदेश में 5000 हजार से अधिक स्कूलों को मर्ज करने पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ खंडपीठ ने लगाई रोक

प्रवक्ता.कॉम 5 जुलाई 2025
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश में 5,000 से अधिक स्कूलों के विलय पर रोक लगा दी है. अदालत ने मौखिक रूप से आदेश दिया है कि जब तक अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक स्कूल मर्जर की प्रक्रिया पर यथास्थिति बनाए रखी जाए. यह रोक उन प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को आसपास के अन्य स्कूलों के साथ जोड़ने की नीति के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद लगाई गई है.
विस्तार में:

उत्तर प्रदेश सरकार ने 30 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने का फैसला किया था.
इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में दो याचिकाएं दायर की गई थीं.
याचिकाओं में कहा गया था कि सरकार की यह नीति, जिसे “स्कूल पेयरिंग” कहा जाता है, आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के खिलाफ है और इससे छात्रों के मौलिक अधिकारों का हनन होता है.
शिक्षकों और अभिभावकों का आरोप है कि सरकार स्कूलों को बंद करने की तैयारी कर रही है.
सुनवाई के बाद, अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया और यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया.
शिक्षकों का कहना है कि विलय से छात्रों को परेशानी होगी और शिक्षा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा.
यह मामला अभी भी अदालत में लंबित है.