R.S.S. NEWSTop Newsछत्तीसगढ़धर्म-अध्यात्म
Trending

अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी जयंती के अवसर पर “एक युग की गाथा ” नृत्य नाटिका की होगी प्रस्तुति

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सर कार्यवाह रामदत्त चक्रधर का प्रेरक उद्बोधन होगा


रायपुर के दीनदयाल ऑडिटोरियम में 31 मार्च 2025 को सायं 4 बजे से लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी जयंती की पुण्य स्मृति में “एक युग की गाथा” नामक सुप्रसिद्ध नृत्य –नाटिका की प्रस्तुति होगी । इसका आयोजन लोक माता अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी जयंती समिति के द्वारा किया जा रहा है।

Join WhatsApp


राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सर कार्यवाह रामदत्त चक्रधर जी का प्रेरक उद्बोधन होगा –


आयोजन के बाद लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर और उनके जीवन से जुड़ी स्मृतियों , कार्यों तथा विभिन्न राष्ट्रपरक विषयों पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सर कार्यवाह रामदत्त चक्रधर का प्रेरक उद्बोधन होगा। इस महत्वपूर्ण आयोजन की तैयारियों में लोक माता अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी जयंती आयोजन समिति लगी हुई है। इस अवसर पर क्षेत्र संघ चालक डॉ पुर्णेनंदु सक्सेना, छत्तीसगढ़ प्रांत संघचालक डॉ टोपलाल वर्मा, प्रांत प्रचारक अभयराम, प्रांत कार्यवाह चंद्रशेखर देवांगन एवं अन्य आमंत्रित अतिथियों की उपस्थिति रहेगी।

कौन हैं लोक माता अहिल्या बाई होलकर
अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1775 को हुआ था ।मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी थीं तथा तथा इतिहास प्रसिद्ध सूबेदार मल्हार राव होलकर के पुत्र खंडेराव के साथ विवाह हुआ वे परिहार गोत्र की थीं।

महेश्वर को राजधानी बनाकर शासन किया। अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत भर में मंदिर बनवाए घाट बनवाए और बावडी का निर्माण करवाया विश्वनाथ भगवान की नगरी काशी में शिवलिंग को स्थापित किया ।भूखों के लिए अन्न क्षेत्र खोलें प्यासों के लिए प्याऊ मंदिरों में विद्वानों की नियुक्ति की, शास्त्रों के मनन चिंतन हेतु प्रवचन की व्यवस्था की। जब शासन और व्यवस्था के नाम पर अत्याचार हो रहे थे, प्रजाजन, साधारण गृहस्थ , किसान ,मजदूर अत्यंत ही निरीह अवस्था में जी रहे थे उस समय उन विकट परिस्थितियों में, अहिल्याबाई होल्कर ने जो कुछ किया वह बहुत ही चिर स्मरणीय है ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button