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युक्त युक्तिकरण के मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग शिक्षक नेता ने लिखा पत्र भ्रष्ट अधिकारीयों के कारनामों से राज्य सरकार की हो रही बदनामी

राज्य में शिक्षाविभाग के अधिकारियों के द्वारा प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री और अन्य सभी मंत्रियों को गुमराह किया जा रहा है। अधिकारियों के कारनामों से राज्य की भाजपा सरकार बेवजह आम जनता, छात्र छात्राओं व शिक्षकों के बीच बेवजह बदनाम हो रही है

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रायपुर प्रवक्ता.कॉम 8 जून 2025
युक्त युक्तिकरण के मुद्दे पर अभी प्रदेशभर में बवाल मचा हुआ है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए यह भ्रष्टाचार का एक नया आइडिया बन गया है। इस पूरे मामले में शिक्षक नेता जाकेश साहू ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस पूरे भ्रष्ट प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक जाकेश साहू ने कहा है कि युक्त युक्तिकरण के नाम पर पूरे प्रदेश भर में बवाल मचा हुआ। लगभग सभी शिक्षाधिकारियों द्वारा इस मामले में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इस मामले में सरकार द्वारा पहले तो यह कहा गया था कि युक्त युक्तिकरण से पहले एकल शिक्षकीय एवं शिक्षकविहीन शालाओं में शिक्षकों की पूर्ति की जाएगी।
लेकिन युक्त युक्तिकरण की पूरी प्रक्रिया अपने मूल उद्देश्य से भटक गई है और सभी विकासखंड और जिलाशिक्षाधिकारीयो द्वारा युक्त युक्तिकरण के आड़ में भ्रष्टाचार का रिकार्ड तोड़ दिया गया है। इस मामले में प्रदेश के हजारों शिक्षक बेवजह प्रताड़ित एवं मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं।
राज्य में शिक्षाविभाग के अधिकारियों के द्वारा प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री और अन्य सभी मंत्रियों को गुमराह किया जा रहा है। अधिकारियों के कारनामों से राज्य की भाजपा सरकार बेवजह आम जनता, छात्र छात्राओं व शिक्षकों के बीच बेवजह बदनाम हो रही है। लोगों को ऐसा लग रहा है कि इस सरकार के द्वारा जन विरोधी और कर्मचारी विरोधी कार्य किया जा रहा है।
जाकेश साहू ने कहा है कि युक्त युक्तिकरण के तहत ऐसे स्कूलों के शिक्षको को हटाए जाने चाहिए थे, जहां पर 2008 के सेटअप के विपरीत अधिक शिक्षक पदस्थ है। लेकिन यहां पर तो पूरा खेला हो रहा है। 33 जिलों में से किसी भी जिले में अतिशेष शिक्षकों की सूचना पहले से प्रकाशित नहीं की गई। रिक्त जगहो की सूची पहले से प्रकाशित ही नहीं किया गया।
रात को अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी की गई। कई लोगों को अचानक उसी दिन तुरंत फोन कर काउंसलिंग में बुलाया गया। अपने-अपने चहेतों को लाभ दिलाने के लिए नियम कानून को ताक पर रखकर युक्त युक्तिकरण की पूरी प्रक्रिया अपनाई गई।


यहां तक कि अधिकारीयो द्वारा प्रदेश के शिक्षक संघों की बातों को भी नहीं सुना जा रहा हैं। हड़ताल का भी कोई असर नहीं हो रहा है।अधिकारी बात करने को तैयार नहीं है। पूरी तानाशाही और दादागिरी की जा रही है।
इस पूरे मामले में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्रीमान नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग करते हुए तत्काल पूरी प्रक्रिया पर रोक लगाने एवं इसे पूर्णतः रद्द करने की मांग शिक्षक नेता जाकेश साहू ने की है।

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