युक्ति युक्तकरण बना उगाही का अवसर कोरबा डीईओ की मेहरबानी से मिल रही है मनचाही पोस्टिंग मूक दर्शक बना है सिस्टम प्रशासन को जांच कराने की शिक्षक संगठनों ने दी चुनौती
BEO,DEO द्वारा छुपाये गए रिक्त पदों पर संलग्न शिक्षकों को बाँट रहे रेबड़ी, शिक्षक साझा मंच ने किया खुलासा
कोरबा प्रवक्ता.कॉम 19 जून 2025
लोक शिक्षण संचनालय छत्तीसगढ़ द्वारा युक्ति युक्त करण की प्रक्रिया का सुचारू संचालन को लेकर संशोधित समय सारणी आदेश क्रमांक 290 नवा रायपुर 25/04/2025 को जारी किया गया था जिसमें जिला स्तर पर युक्तियुक्त करण से प्रभावित अतिशेष शिक्षकों का काउंसलिंग पूर्ण करते हुए 4 जून तक अनिवार्य पदस्थापन आदेश जारी किया जाना था, कोरबा जिले में भी युक्ति युक्त करण से प्रभावित शिक्षकों का काउंसलिंग के दरमियान ही पदस्थापना आदेश जारी किया गया किंतु दुर्भाग्यजनक कहें BEO, DEO के द्वारा उपकृत संलग्न शिक्षकों को उनके मूल पदस्थ संस्था से अतिशेष गणना ना करते हुए अतिशेष मुक्त रखने सोची समझी साजिश रची गई, जब ऐसे उपकृत संलग्न शिक्षकों के बारे में शिक्षक साझा मंच को ज्ञात हुआ तो विरोध मुखर हुआ तत्पश्चात विभागीय अधिकारियों द्वारा आनंन -फानन में लोक शिक्षण संचलनालय द्वारा जारी युक्तियुक्त करण संशोधन समय सारणी आदेश को ठेंगा दिखाते हुए काउंसलिंग का अलग तिथि निर्धारित कर उन उपकृत संलग्न शिक्षकों को मनचाही पद स्थापना प्रदान करने बाकायदा ब्यक्तिगत लिखित सूचना कर 17 जून 2025 को औपचारिक एवं प्रायोजित काउंसलिंग किया गया।
युक्ति युक्त करण बना अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार का अवसर
काश, छुपाये गए रिक्त पदों को पहले जारी किया होता तो कुछ वरिष्ठ शिक्षिकायें दूरदराज एवं बीहड़ अंचलों मे पद स्थापना से मुक्त रहते
कोरबा जिले में युक्ति युक्त करण के नाम पर बड़ा खेला हुआ। विकासखंड स्तरीय समिति द्वारा अतिशेष शिक्षकों का चिन्हानकन पश्चात जिला स्तरीय समिति को उक्त अतिशेष सूची का प्रेषण किया गया उक्त सूची के आधार पर काउंसलिंग तिथि निर्धारित कर काउंसलिंग प्रक्रिया के कुछ समय पूर्व ही बिना दावा आपत्ति के अनेक शिक्षकों का नाम अतिशेष सूची से मुक्त कर दिया गया। इनके द्वारा स्नातक डिग्री के बिना विषय का जाँच किए किसी को विज्ञान, गणित, तो किसी को हिन्दी, इंग्लिश, किसी को कला मान लिया गया, कहीं विषय शिक्षक होने के बावजूद भी उसी विषय के शिक्षक भेजे गए, वरिष्ठ विषय शिक्षक होने के बावजूद भी दर्ज संख्या को आधार मानते हुए अपनों को लाभ पहुँचाने उसी विषय के शिक्षक को यथावत रखते हुए अतिशेष मुक्त कर दिया गया। किंतु दुर्भाग्य का विषय है कि अपनों को बचाने का खेल तो किया गया किंतु जो अपने नहीं है अधिक दर्ज संख्या होने के बावजूद भी ऐसे शिक्षकों को अतिशेष शेष मुक्त नहीं किया गया और दूर दराज वनांचल क्षेत्रों में पद स्थापनाएं दी गई।जैसे शा. उ. मा. वि सिंघिया पोड़ी उपरोड़ा मे अतिशेष,शा. उ. मा.जमनिपाली कटघोरा मे अतिशेष, शा. उ मा. वि. रामपुर करतला मे अतिशेष और ऐसी कई संस्था मे अतिशेष रहते हुए भी उसी संस्था मे समायोजन किया गया किन्तु शा. हाई स्कूल दर्री कटघोरा मे दर्ज संख्या अधिक होने के बावजूद भी अतिशेष मुक्त नही रखना लाजमी प्रश्न को जन्म देता है, ऐसे भेदभाव क्यों? इससे स्पष्ट होता है की दाल मे कुछ काला है।
DEO द्वारा प्रशासनिक स्थानंातरण आदेश को दिखाया ठेंगा, स्थानंात्रित शिक्षिका को कार्यभार ग्रहण न कराया जा कर कर दी संलग्न
DEO कोरबा के अजीबो गरीब कारनामे चरितार्थ है प्राथमिक शाला सुत्तर्रा खंड पोड़ी उपरोड़ा के एक सहायक शिक्षिका की शिकायत के आधार पर शासन द्वारा प्रशासनिक स्थानांतरण पोड़ी उपरोड़ा के प्राथमिक शाला कर्मी टिकरा में सत्र 2022 में किया गया। खास देखने योग्य बात यह है की उक्त शिक्षिका स्थानंातरण के बाद 02 वर्ष विभाग मे बिना सूचना के कहाँ गायब रहीं,कोई पता नही और विभाग द्वारा पता करने का प्रयास भी नही किया गया। 02 वर्ष पश्चात् 2024 मे मेडिकल के आधार पर कार्यभार ग्रहण कराने BEO मे आवेदन प्रस्तुत किया गयाBEO द्वारा रिस्क न लेते हुए प्रकरण DEO के पास भेजा गया। *खेला यहीं से शुरू हुआ DEO द्वारा स्थानांतरित संस्था प्राथ. शा. कर्मी टिकरा मे कार्यभार ग्रहण न कराकर मा. उच्च न्यायालय मे लगाई गई याचिका तथा राज्य स्तरीय स्थानांतरण निराकृत समिति द्वारा सम्बंधित का अभ्यावेदन को ख़ारिज करने के फलस्वरूप भी (अनिराकृत )उक्त प्रकरणों का हवाला देकर राज्य शासन के स्थानांतरण आदेश का अवहेलना करते हुए मेहरबानी कहें या फिर प्रायोजित, पद का दुरूपयोग करते हुए शिक्षिका के लिए अनुकूल रिक्त पद प्राथ. शा. लखनपुर कटघोरा शहर से लगी खंड पोड़ी उपरोड़ा मे संलग्न कर दिया गया। खास बात यह भी वर्तमान मे चल रही युक्तियुक्त करण के तहत मूल पदस्थ संस्था जहाँ पर कार्यभार ग्रहण ही नही की गई, जिस संस्था मे ड्यूटी के नाम पर कदम भी नही रखा गया युक्तियुक्त करण से मुक्त रखने पूरी मेहरबानी दिखाते हुए अतिशेष का गणना भी नही किया गया और न ही छ ग शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानंतरण नीति 2025 के कंडीका क्रमांक 3.17का पालन करते हुए 05 जून तक संलग्न स्थान से स्थानंातरित शाला के लिए कार्यमुक्त किए बगैर स्थानंातरित शाला से अतिशेष मानकर प्रायोजित तरीके से युक्तियुक्त करण का लाभ देते हुए प्रथम कॉउन्सिलिंग से मुक्त रखते हुए जिले के संलग्न उपकृत शिक्षकों के साथ बाकायदा ब्यक्तिगत सूचना देकर 17 जून को विशेष कॉउन्सिलिंग आयोजित कर मनचाही स्थान उपलब्ध कराया गया।
*सवाल यह की युक्तियुक्त करण निर्देश मे संलग्न शिक्षकों का मूल संस्था से अतिशेष की गणना का स्पष्ट उल्लेख होने के बाद भी चिन्हानकन क्यों नही*
क्या यह प्रायोजित नही की संलग्न शिक्षकों को अतिरिक्त लाभ प्रदान करने बाद मे कॉउन्सिलिंग की गई, वरिष्ठ शिक्षकों का क्या दोष था कि पूर्व में काउंसलिंग में शामिल होकर दुरदराज के संस्थानों को चयन करना पड़ा इसका दोषी कौन, क्या ऐसे चिन्हानकन करने वाले एवं संलग्न शिक्षकों को सह देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही क्यों?नही।……छ ग शिक्षक साझा मंच मांग करता है की शासन के दिशनिर्देश /आदेश का अवहेलना करने वाले एवं ब्यक्तिगत स्वार्थो को बढ़ावा देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है।