वनांचल ग्राम कामठी का पूर्व माध्यमिक विद्यालय क्षेत्र के लिए आदर्श बना
कामठी में स्थित पूर्व माध्यमिक शाला जिसके पास स्वयं का मुख्य भवन नहीं है साथ ही शौचालय, पानी एवं बाउंड्री वॉल के अभाव में वर्षों से जूझ रहा है। इसके बावजूद इसे आदर्श विद्यालय बनाने के लिए यहां के प्रधान पाठक और शिक्षकों ने अटूट परिश्रम किया है
पंडरिया प्रवक्ता.कॉम 16 मार्च रविवार 2025
छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार शिक्षा के लिए नित नए प्रयास कर रही है, इसी कड़ी में केंद्र द्वारा लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को भी राज्य ने पूर्णतः अंगीकृत किया है। इस दिशा में बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कामठी में भी विभिन्न कार्य करवाए जा रहे हैं। वनांचल में स्थित यह ग्राम हमेशा से विकास के मामले में पीछे रहा है और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी छाप नहीं छोड़ पाया है। कामठी में स्थित पूर्व माध्यमिक शाला जिसके पास स्वयं का मुख्य भवन नहीं है साथ ही शौचालय, पानी एवं बाउंड्री वॉल के अभाव में वर्षों से जूझ रहा है। इसके बावजूद इसे आदर्श विद्यालय बनाने के लिए यहां के प्रधान पाठक और शिक्षकों ने अटूट परिश्रम किया है।

जबसे इस विद्यालय में प्रधानपाठक भगवान सिंह राज की नियुक्ति हुई है वे विद्यालय को संवारने के कार्य में जुट गए। श्री राज ने इसे आदर्श बनाने में पूरे तन मन धन से कार्य किया। जिसका परिणाम आज देखने को मिल रहा है। सर्वप्रथम राज सर 2022 में प्रधानपाठक के रूप में विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किए तब विद्यालय की स्थिति बहुत बदतर थी। राज सर ने विद्यालय के आधारभूत ढांचे पर कार्य करना शुरू किया। विद्यालय में बाउंड्री वॉल एवं गेट की कमी को देखते हुए अपने वेतन एवं ग्रामीणों के सहयोग से तार से घेरा बनाने का कार्य किया। उसके पश्चात विद्यालय में किचन गार्डन का निर्माण किया जिसमें लौकी, बैगन, टमाटर, पत्तागोभी, धनिया, पालक जैसी सब्जियां लगवाई, इनका उपयोग मध्याह्न भोजन में किया जाने लगा। अगली कड़ी में विद्यालय में मुस्कान पुस्तकालय के लिए एल्युमिनियम से अलग कक्ष निर्माण कराया गया जिसमें विभिन्न प्रकार की किताबें रखी गई एवं लाइब्रेरी रैक लगाई गई है, बच्चे इसका भरपूर उपयोग कर रहे हैं। अगली कड़ी में कक्षा आठवीं में स्मार्ट टीवी खरीदकर लगाए जिससे बच्चे ऑनलाइन विभिन्न अवधारणाओं को आसानी से सीखना प्रारंभ कर दिए। आज की स्थिति में 2 कक्ष में प्रोजेक्टर भी लगवाया गया है। विद्यालय की रंगाई पुताई इतने सुंदर तरीके से की गई है कि आसपास के क्षेत्र के लिए यह मिसाल के रूप में उभरा है। विद्यालय परिसर में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाकर विद्यालय को साफ सुथरा एवं हरा भरा बनाया गया है। विद्यालय फंड का समुचित उपयोग यदि कोई सीखना चाहे तो श्री राज जी से सीख सकता है। विद्यालय में आलमारी, कुर्सी, टेबल, पंखा, कूलर, थाली, सिंटेक्स, नल इत्यादि की पूर्ति मात्र 3 साल के अपने कार्यकाल में कर दिखाने का अभूतपूर्व कार्य कर दिखाने का पूरा श्रेय श्री राज सर को जाता है। विद्यालय के अन्य शिक्षकों ने भी इस कार्य में इनका भरपूर सहयोग किया है। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कामठी बिना प्रशासन के सहयोग के विद्यालय को आदर्श बनाने एवं बच्चों को उच्च कोटि की शिक्षा देने के कारण वनांचल का विशिष्ट विद्यालय बन चुका है। राज सर के आने से पूर्व जहां विद्यालय की दर्ज संख्या 138 थी वह आज बढ़कर 159 हो गई है। यदि मुख्य भवन का निर्माण हो जाए तो अगले वर्षों में दर्ज संख्या 200 तक पहुंच सकती है।