छत्तीसगढ़ शासन के कई आदेश अव्यावहारिक एवं शिक्षकीय गरिमा के प्रतिकूल– विष्णु साहू
मतदाता सूची जांच से लेकर कुत्ता-पशु प्रबंधन तक हर गैर-शैक्षणिक कार्य में उलझाया हुआ है, एसआईआर में ऐसे विद्यालयाे के शिक्षकाे की ड्यूटी लगाई गई है जहां शिक्षकाे की संख्या कम है या नही है जिससे वहां के छात्राे का भविष्य अधर में है,
रायपुर प्रवक्ता,.कॉम 27 नवंबर 2025
छत्तीसगढ़ व्याख्याता वाणिज्य विकास संघ के संयाेजक एवं प्रदेश अध्यक्ष विष्णु प्रसाद साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों से आये दिन गैर शैक्षणिक कार्याे से शिक्षा प्रभावित हाे रही है, वर्तमान में एक अव्यवहारिक आदेश कुत्ता निगरानी जैसे आदेश से छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग पुरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है, शिक्षक पढाई करायेंगे या कुत्ताे की निगरानी करेंगे, यह आदेश शिक्षकों में आक्रोश भी जगा रहा है और व्यंग्य का नया बाज़ार भी खोल रहा है। शिक्षकों के बीच सोशल मीडिया पर मीम, चुटकुले और तंज ऐसे दौड़ रहे है जैसे विभाग ने शिक्षा नहीं कुनबा-कुत्ता विश्लेषण का नया पाठ्यक्रम शुरू कर दिया हो..। और डीपीआई ने बाकायदा प्राचार्य और प्रधान पाठकों को कुत्तों की निगरानी के लिए नोडल अफसर नियुक्त कर दिया है। स्थिति विडंबना पूर्ण है कि विभाग एक ओर शिक्षा गुणवत्ता वर्ष और मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के बड़े-बड़े पोस्टर चिपका रहा है, और दूसरी ओर शिक्षकों को मतदाता सूची जांच से लेकर कुत्ता-पशु प्रबंधन तक हर गैर-शैक्षणिक कार्य में उलझाया हुआ है, एसआईआर में ऐसे विद्यालयाे के शिक्षकाे की ड्यूटी लगाई गई है जहां शिक्षकाे की संख्या कम है या नही है जिससे वहां के छात्राे का भविष्य अधर में है, शिक्षा विभाग द्वारा आये दिन कुछ न कुछ नया योजना लॉन्च करते है, वो भी शिक्षकाे के निजी मोबाईल में आनलाइन माध्यम से चाहे राजस्व विभाग जाति प्रमाण पत्र बनाना हो, वित्त विभाग का आर्थिक सर्वेक्षण करना हो, निर्वाचन आयोग का बीएलओ व अभिहित अधिकारी का कार्य हो, स्वास्थ्य विभाग का विद्यार्थियों के जाँच व दवाई वितरण का कार्य हो,एक पेड़ मां के नाम, पालक बैठक के बाद फोटो अपलोड, पंचायत विभाग से सांसद खेल महोत्सव स्कूल शिक्षा विभाग से छात्रवृत्ति कार्य, माध्यन्ह भोजन कार्य, पुस्तक वितरण, पुस्तक स्केनिंग कार्य, साईकल वितरण कार्य, शिक्षक उपस्थिति कार्य, विद्यार्थी उपस्थिति कार्य, परीक्षा के लिए प्रश्न पेपर का कार्य, परीक्षा पश्चात मूल्यांकन से प्राप्ताँक को दर्ज करने का कार्य सहित विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने से शिक्षकाे काे पढाई कराने का समय नही मिल पा रहा है।
छत्तीसगढ़ व्याख्याता वाणिज्य विकास संघ के संचालक खाेमन लाल साहू, एवं प्रदेश सचिव विवेक धुर्वे ने कहा गैर शैक्षणिक कार्याे से छत्तीसगढ़ में पढाई का स्तर लगातार गिरता जा रहा है, उपराेक्त विभिन्न विभागीय कार्यों को ऑनलाइन करने हेतु दबाव बनाया जाता है और नही करने पर वेतन रोकने सहित अनुशानात्मक कार्यवाही की धमकी दिया जाता है, शिक्षक एक शिक्षक ना हाेकर लिपिक बन गया है, शिक्षक का निजी मोबाईल भी पूर्णतः सरकारी मोबाईल बन गया है, क्योंकि विभाग व अधिकारियो द्वारा समग्र शिक्षा, पीएम पाेषण, एजुकेशन पाेर्टल एप, इंस्पायर अवार्ड, दीक्षा ऐप, निष्ठा ऐप, विनोबा ऐप, एमडीएम ऐप, स्वछता ऐप, वींएसके ऐप, सहित कई प्रकार के ऐप डाऊनलोड करवाये जाते है, एक तरफ शासन माेबाइल का उपयोग करने के लिए लगातार दबाव बना रही है, और दूसरी तरफ काेई शिक्षक ड्यूटी के दाैरान विभागीय कार्यों के लिए माेबाइल का उपयोग करते पाये जाने पर सीधा कार्यवाही कर देते है, इससे शिक्षकाे में विभाग के प्रति आक्रोश है।
छत्तीसगढ़ व्याख्याता वाणिज्य विकास संघ के उपाध्यक्ष ममता वाडदे ,गीता नायर ने स्पष्ट कहा की गैर शैक्षणिक कार्याे से पढाई के साथ छात्रों का नैतिक स्तर का भी पतन हाे रहा है, लगातार गैर शैक्षणिक कार्याे से छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों की तुलना में शैक्षिक स्तर में लगातार गिरावट हाेती जा रही है, इसके लिए शासन प्रशासन की नीतियां एवं आदेश जिम्मेदार है।



