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शासकीय सेवक स्थानांतरण के बाद अगर समय सीमा में ज्वाइन न करे तो उसे अनाधिकृत अनुपस्थिति मानकर निलंबन की कार्यवाही की जाए

जी. ए. डी. के सर्कुलर ने स्थानांतरित कर्मचारियों की बढ़ाई मुश्किलें

रायपुर 27.11.2024 प्रवक्ता. कॉम
छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने आज एक सर्कुलर जारी करके समस्त भारसाधक सचिवों को निर्देशित किया है ,कि अगर शासकीय सेवक अपने स्थानांतरण के पश्चात नवीन पदस्थापना वाले स्थान पर समय सीमा में कार्य भार ग्रहण नहीं करते हैं ,तो उनको दिए गए दिशा निर्देशानुसार कार्यवाही करनी होगी । सर्कुलकर के विभिन्न बिंदुओं का विवरण इस प्रकार है।

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(1)जी.ए . डी. के नए सर्कुलर के अनुसार
स्थानांतरित किए गए शासकीय सेवक को स्थानांतरण आदेश जारी होने के 10 दिन के भीतर कार्य मुक्त होना होगा ।यदि संबंधित कर्मचारी कार्य मुक्त नहीं होता है, तो उसे सक्षम अधिकारी के द्वारा एक पक्षीय कार्य मुक्ति की कार्यवाही की जाए।
(2 )शासकीय सेवकों द्वारा 7 दिवस के भीतर स्थानांतरण आदेश का पालन न किए जाने की स्थिति में शासकीय सेवक के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की जाए और अनुपस्थित व्यक्ति के विरुद्ध ब्रेकिंग सर्विस की कार्यवाही हो ।
(3) शासकीय सेवकों द्वारा यदि 7 दिन से अधिक अवधि के लिए लघु कृत अवकाश या अन्य अवकाश के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जाता है तो उसे अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित मानकर “नान डाइज” किया जाए।
(4) स्थानांतरित किए गए शासकीय सेवक के समस्त अवकाश नवीन पदस्थापना वाले कार्यालय से ही स्वीकृत किया जाए।

(5) यदि अनुसूचित क्षेत्रों से शासकीय सेवक का गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण का प्रस्ताव है तो उसके एवजीदार का भी प्रस्ताव गैर अनुसूचित क्षेत्र से हो यह अनिवार्य किया जाए।

(6)अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरित किसी भी अधिकारी कर्मचारी को उसके कार्यालय प्रमुख या नियंत्रण अधिकारी द्वारा तब तक

कार्य मुक्ति ना किया जाए, जब तक की उसका एवजीदार कार्य पर उपस्थित ना हो जाए।
( 7 )यदि एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए निवास स्थान में परिवर्तन किए बिना स्थानांतरण हुआ है तो शासकीय सेवक के कार्य मुक्ति पश्चात एक दिन से अधिक पद ग्रहण काल की पात्रता नहीं होगी । जो कि किसी भी स्थित में 7दिन से अधिक नहीं होगी। विस्तृत आदेश देखें,

उपरोक्तानुसार दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का लेख सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत के द्वारा किया गया है। आदेश में विस्तृत रूप से इस संबंध में दिशा निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश के बाद स्थानांतरण के पश्चात आदेशों की अवहेलना शासन की नाफरमानी मानी जाएगी । संबंधित कर्मचारियों को स्थानांतरित स्थान पर कार्यभार ग्रहण करना होगा, हालांकि उसे नियमों के तहत अपने स्थानांतरण के संबंध में अभ्यावेदन के माध्यम से पक्ष रखने का समुचित अवसर भी दिया जाएगा।

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