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शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रतिनिधि मंडल की राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाकात

प्रयाग राज में 7, 8 एवं 9 फरवरी को एकत्रित होकर देश की शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु मंथन करेंगे.

प्रवक्ता.कॉम // दिनांक /01.01.25

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भारत में शिक्षा तथा संस्कृति के लिए कार्य करने वाली संस्था शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रतिनिधि मंडल ने प्रयाग राज में दिनांक 7, 8 एवं 9 फरवरी 2025 को आयोजित ज्ञान महाकुंभ के विषय पर महामहित राज्यपाल रामेन डेका और मुख्य मंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर उन्हें , ज्ञान महाकुंभ के आयोजन के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए ।इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए आमंत्रित भी किया।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का छत्तीसगढ़ में भी तेजी से सार्थक क्रियान्वयन हो रहा है, ज्ञान महाकुंभ प्रयागराज के संबंध में राज्यपाल महोदय तथा मान.मुख्यमंत्री जी को जानकारी देते हुए न्यास के पंडाल में पधारने का आमंत्रण देने सुरेश गुप्ता जी (राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष)के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मिला।मान.मुख्यमंत्री जी से ज्ञान महाकुंभ के संरक्षक बनने हेतु न्यास के निवेदन पर उन्होंने अपनी सहमति दी ।

प्रतिनिधि मंडल में शामिल रहे –

प्रतिनिधिमंडल में ओम प्रकाश शर्मा (क्षेत्र संयोजक)प्रो आलोक चक्रवाल (मान.कुलपति एवं न्यास अध्यक्ष)डा.प्रफुल्ल शर्मा (प्रांत संयोजक) दिलीप केशरवानी (प्रांत सह-संयोजक) तथा प्रो राजीव प्रकाश जी , निदेशक IIT भिलाई शामिल थे।
द्वितीय प्रहर में न्यास के कार्यकर्ताओं के साथ शिक्षा महाविद्यालय परिसर में एक परिचय बैठक सह-संगोष्ठी का आयोजन हुआ।जिममें 03दिवसीय ज्ञान महाकुंभ प्रयागराज में होने सत्रवार विभिन्न विषयों पर सम्मेलन, बैठक एवं न्यास के द्वारा संचालित विभिन्न विषयों -आयामों व कार्य विभागों पर केन्द्रीय आधिकारियों ने विस्तार से प्रकाश डाला। बैठक में प्रमुख रूप से दानी राम वर्मा (पूर्व अध्यक्ष),डा.ओ पी मिश्रा,डा.योगेश शिवहरे,डा आलोक शर्मा,डा रविन्द्रसिंह चौहान, विवेक दलेला, सी बी बगरिया, ए एस गांधी, राजेश शर्मा, संजय पांडे, सी एल साहू, हरिराम जायसवाल, निर्मल रिछारिया,श्री एन पी वर्मा, साहू, दिलीप साहू, ए एन योगी आदि शामिल हुए। आभार प्रदर्शन (डा) प्रफुल्ल शर्मा ने तथा संचालन दिलीप केशरवानी ने किया।

ज्ञान महाकुंभ क्यों आयोजित किया जा रहा है जानें–

जिस प्रकार प्राचीन भारत में ऋषि मुनि समस्याओं के समाधान हेतु नैमिषारण्य में एकत्रित होते थे, उसी प्रकार न्यास के ज्ञान महाकुंभ में शिक्षा के सभी घटक एक साथ एकत्रित होकर देश की शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु मंथन करेंगे. 7, 8, 9 फ़रवरी 2025 को प्रयागराज में आयोजित होने वाले ज्ञान महाकुंभ से पूर्व देश के चार अलग अलग भागों में ज्ञान कुंभ आयोजित किए जाएंगे. जिसमें उत्तर क्षेत्र का ज्ञान कुंभ हरिद्वार में संपन्न हो चुका है, इसके अतिरिक्त पश्चिम-मध्य क्षेत्र का कर्णावती में, पूर्व व पूर्वोत्तर का नालंदा में, दक्षिण का पुडुचेरी में आयोजित किया जाएगा. ज्ञान महाकुंभ से निश्चित ही देश की शिक्षा को एक नया विकल्प देने की दिशा में हम आगे बढ़ेंगे. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने बैठक को संबोधित करते हुए जानकारी प्रदान की. ज्ञान कुंभ की महत्ता इससे ही समझी जा सकती है कि देशभर के सैकड़ों कार्यकर्ता एक माह से लेकर एक वर्ष तक का समय दान कर रहे हैं. मुझे विश्वास है कि इस ज्ञान महाकुंभ से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु किए जा रहे प्रयासों को बल मिलेगा.।

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