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युक्ति युक्तकरण को स्थानांतरण बताकर शिक्षकों के स्थानांतरण पर रोक डीईओ ने आदेश में युक्तियुकरण को स्थानांतरण बताया

स्थानांतरण और युक्ति युक्तकरण के अगल अलग आदेश और निर्देश ,शिक्षकों के हित और अधिकार से खिलवाड़


रायपुर/कोरबा 10 जून 2025
राज्य शासन ने स्थानांतरण नीति में शिक्षकों के लिए बड़ा खेला कर दिया है । सरकार द्वारा जारी स्थानांतरण नीति की में शिक्षकों के स्थानांतरण पर रोक लगाने का उल्लेख है ।सरकार ने स्पष्ट नहीं किया है कि ये रोक कब तक रहेगी ।इस रोक का कारण युक्ति युक्तकरण को बताते हुए ऐसा लिखा गया है।
कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी ने युक्ति युक्तकरण को स्थानांतरण बताया है ·

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जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के द्वारा जारी आदेश क्रमांक
क्र./1812/यु.यु.क./2025-26
कोरबा, दिनांक 09/06/2025 के अनुसार समस्त

विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी, कोरबा / कटघोरा / करतला/पाली/पोंडी उपरोड़ा जिला कोरबा को निम्नांकित संदर्भ उल्लेख करते हुए लिखा गया है । आदेश में में उल्लेख है कि

युक्तियुक्तकरण के तहत् स्थानांतरित हुये व्याख्याता/शिक्षकों के कार्यमुक्त/कार्यभार की जानकारी उपलब्ध कराने बाबत् ।

आपका पत्र क्रमांक /स्था. 02/युक्ति/83/2025/506/नवा रायपुर, दिनाँक 03.06.2025 ।

उपरोक्त संदर्भित विषांतर्गत पत्र के अनुक्रम में लेख है कि युक्तियुक्तकरण के तहत् स्थानांतरित हुये आपके विकास खण्ड के प्राथमिक/ माध्यमिक/हाई स्कूल/ हायर सेकेण्डरी/के अतिशेश व्याख्याता / शिक्षकों के कार्यभार एवं कार्यमुक्त की जानकारी इस कार्यालय को आज दिनॉक 09.06.2025 को दोपहर 04:00 बजे तक भेजना सुनिश्चित करे। जिन संस्था प्रमुखों द्वारा शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया गया है उन्हें एकतरफा कार्यमुक्त किया जाना सुनिश्चित करने के लिए आदेशित किया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी के इस आदेश पर गौर करें तो यह स्पष्ट होता है कि युक्ति युक्तकरण को सरकार स्थानांतरण बता रही है।
विरोध नहीं तो स्थानांतरण नहीं –
शिक्षक संगठनों ने अगर इस विसंगति पूर्ण स्थानांतरण नीति का विरोध नहीं किया तो भविष्य में उनके स्थानांतरण पर इसी तरह की रोक लगाई जाती रहेगी और सरकार अपने सुविधानुसार मुख्यमंत्री समन्वय के नाम बैकडोर ट्रांसफर करेगी ।

स्थानांतरण नीति 2025 औचित्यहीन है पॉलिसी पर सवाल–

शासन द्वारा केबिनेट में लाए गए स्थानांतरण पॉलिसी से शिक्षकों को बाहर रखने को शिक्षकों ने सरकार की तानाशाही कहा है , स्थानांतरण हेतु कई साल से इंतज़ार कर रहे शिक्षकों ने कहा है कि इस नीति को कोर्ट में चुनौती देंगे ।यह अव्यावहारिक और निंदनीय क्योंकि सरकार अपने चहेतों का ट्रांसफर तो मुख्यमंत्री समन्वय से कर लेती है और वास्तव में जिन्हें जरूरत है उनको नियमों में उलझा कर रखी हुई है। सरकार की नीतियों के खिलाफ इस समय जबरदत गुस्सा है।

शिक्षक, पुलिस, वन, खनिज, और परिवहन विभाग के तबादलों पर रोक जारी रहेगी। ऐसे में पार्टी के लोग ही तबादले पर से रोक हटाने के औचित्य पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।

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