सांसद संतोष पाण्डेय के प्रयास से कबीरधाम के प्रमुख डाकघर को 137 सालों बाद मिलेगी किराए के भवन से मुक्ति
भवन निर्माण के लिए लोकसभा में सासंद ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था ,राशि स्वीकृति के लिए सासंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार व्यक्त किया है
कबीरधाम प्रवक्ता.कॉम 30 अप्रैल 2025
कबीरधाम प्रवक्ता.कॉम 1 मई 2025
कवर्धा राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडेय का प्रयास रंग लाया है। सांसद पांडेय के प्रयास व मांग से कवर्धा में डाकघर के भवन निर्माण हेतु केंद्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय ने इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है।


सांसद संतोष पांडेय ने कवर्धा में डाकघर हेतु भवन नहीं होने को लेकर 1 अप्रैल 2025 को लोकसभा में प्रमुखता से मुद्दा उठाया था और शीघ्र राशि स्वीकृत करने की मांग सदन में की थी। सांसद पांडेय ने लोकसभा में अपनी बात रखते हुए कहा था कि कवर्धा का मुख्य डाकघर पिछले लगभग 60 वर्षों से किराए के भवन में संचालित हो रहा है। वर्तमान में डाकघर का कार्यालय छीरपानी कॉलोनी में स्थित आरटीओ कार्यालय के ऊपर स्थित है, जहां हर महीने ₹8,130 किराया चुकाना पड़ता है। कबीरधाम जिले में 98 शाखा डाकघर संचालित हैं, लेकिन जिला मुख्यालय में स्थित मुख्य डाकघर खुद अस्थायी ठिकाने पर है। जानकारी अनुसार डाकघर के भवन निर्माण के लिए आदर्श नगर में 26 डिसमिल जमीन आवंटित भी की गई है। लेकिन यहां अब तक भवन निर्माण नहीं हो पाया है। इससे कार्यालय के संचालन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया था कि 1 अक्टूबर 1854 को भारतीय डाक विभाग की स्थापना हुई, जिसे भारतीय डाक सेवा की शुरुआत माना जाता है। अष्टराज अंभोज(1925)में उल्लेख है कि कवर्धा राज्य के कवर्धा और दशरंगपुर में डाक घर का उल्लेख है। साथ ही बजट में सन 1888 में डाक तार की व्यवस्था के लिए राशि रखी गई थी। अर्थात कवर्धा में 137 सालों से डाक व्यवस्था चल रही है। लेकिन आज तक इसके लिए भवन का निर्माण नहीं हो पाया है। इससे जिलेवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सांसद पांडेय की मांग पर केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कवर्धा में डाकघर के भवन निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान कर राशि भी आवंटित कर दी है। अब कवर्धा में डाकघर का शानदार भवन निर्माण होगा। लोगों को इसका लाभ मिलेगा और डाकघर का व्यवस्थित संचालन होगा। सांसद पांडेय ने जिले को उक्त कार्य की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार व्यक्त किया है।
भारत में डाक विभाग की शुरुआत –

भारतीय डाक विभाग का इतिहास 1766 से शुरू होता है, जब लॉर्ड क्लाइव ने भारत में डाक व्यवस्था स्थापित की। 1774 में वारेन हेस्टिंग्स ने कोलकाता में पहला प्रधान डाकघर बनाया। 1854 में भारतीय डाक विभाग की स्थापना हुई, और उसी वर्ष रेल डाक सेवा और समुद्र डाक सेवा शुरू हुई। 1898 में, भारतीय डाकघर अधिनियम पारित किया गया जिसने डाक सेवाओं को विनियमित किया.
भारतीय डाक विभाग का इतिहास
- 1766:लॉर्ड क्लाइव द्वारा भारत में डाक व्यवस्था की स्थापना.
- 1774:वारेन हेस्टिंग्स द्वारा कोलकाता में पहला प्रधान डाकघर स्थापित किया गया.
- 1854:भारतीय डाक विभाग की स्थापना और रेल डाक सेवा व समुद्र डाक सेवा की शुरुआत.
- 1898:भारतीय डाकघर अधिनियम पारित किया गया.
- 1911:दुनिया की पहली आधिकारिक एयरमेल उड़ान भारत में.
- 1947:स्वतंत्र भारत का पहला डाक टिकट जारी किया गया.
- 1986:भारत में स्पीड पोस्ट की शुरुआत.
- 1880:भारत में मनी ऑर्डर सिस्टम की शुरुआत.
- 1879:पोस्ट कार्ड की शुरुआत.
- 1873:उभरे हुए डाक लिफाफों की बिक्री शुरू हुई.
- 1876:भारत यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन में शामिल हुआ.
- 1882:डाक विभाग में बचत खाते खोलने की शुरुआत.
- 1920:डाक हड़तालें, जिससे देश की डाक सेवा पूरी तरह से ठप्प हो गई.
- 1942:भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान कई डाकघरों और लैटर बक्सों को जला दिया गया.
भारतीय डाक विभाग देश का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क है। यह डाक, बैंकिंग, जीवन बीमा, मनीऑर्डर और खुदरा सेवाओं के माध्यम से लोगों के करीब है.
छत्तीसगढ़ में डाक विभाग की शुरुआत –
छत्तीसगढ़ में डाकघर की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी. रायपुर में डाकघर का निर्माण 1950 में हुआ था और समय के साथ इसमें सुविधाओं का विस्तार हुआ.