पंडरिया-मुंगेली से पोंडी के बीच पंडरिया, कवर्धा,वन मंडल अंतर्गत नेशनल हाइवे सड़क निर्माण के लिए 1028 पेड़ काटे गए थे।सड़क चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ काटे गए थे।लेकिन पुरानी व नई सड़क की चौडाई में ज्यादा अंतर दिखाई नहीं पड़ रही है।केवल ऊंचाई में ही अन्तर नजर आ रहा है।अर्थात सड़क निर्माण के लिए अधिकांश पेड़ो की काटने की जरूरत नहीं थी।अधिकतर पेड़ों को बेवजह काट दिया गया है।काटे गए पेड़ों के एवज में 10 गुना पेड़ लगाने थे,किन्तु आज करीब दो वर्ष बाद भी एक पेड़ नहीं लगाए गए हैं।वन विभाग को पेड़ लगाने के लिए पैसे मिल चुके हैं।लेकिन पेड़ लगाने का कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है।बताया जा रहा है कि सड़क किनारे जगह नहीं होने के कारण पेड़ नहीं लगाया गया है।अन्य जगह पेड़ लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।उक्त मार्ग पर घने अर्जुन का पेड़ हुआ करता था।जहां राहगीरों को छाया मिलती थी।अब सड़कों पर वीरानी छाई रहती है।सड़क का किनारा उजड़ा सा लगता है।लोग काटे गए पेड़ के बदले नए पौधे लगाने का इंतजार कर रहे थे,लेकिन सड़क किनारे अब पेड़ नहीं लगाए जाएंगे।सड़क के किनारों की सफाई कर अधिकांश जगह पेड़ लगाए जा सकते हैं।
ठूंठ वहीं हैं,लेकिन सड़क बन गया,फिर काटने की जरूरत क्यों पड़ी-सड़क किनारे लगे अर्जुन के पेड़ को सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए काटा गया था जिसके तना व शाखाओं को काट कर हटा दिया गया है,किन्तु ठूंठ वहीं हैं।जब सड़क सड़क बनाने के लिए ठूंठ को हटाने की जरूरत नहीं पड़ी तो पेड़ को क्यों काट दिया गया। क्या केवल पेड़ की शाखाएं ही सड़क निर्माण में रुकावट थी।इसी तरह कई पेड़ अभी नहीं कटे हैं,जिसे वन विभाग द्वारा अभी काटा जाना है,किन्तु सड़क निर्माण हो चुके हैं।पेड़ सड़क के साइड सोल्डर को छू रही है,लेकिन काटने की जरूरत नहीं दिखाई पड़ रही है।लगभग अधिकतर पेड़ सड़क से इसी दूरी पर लगे थे,जो बेवजह काट दिए गए।सड़क को देखकर लगता है कि वन विभाग व नेशनल हाईवे में तालमेल के आभाव में पेड़ अधिकतर पेड़ बेवजह काट दिए गए।इसकी जांच होनी चाहिए कि वर्षो पुराने पेड़ बेवजह क्यों काट दिया गया।लोगों को आज मुंगेली से पोंडी तक ढूंढने पर भी छाया नहीं मिल रही है।
“नेशनल हाइवे द्वारा सड़क किनारे(80 फिट तक) स्थित पेड़ों को काटने के लिए चिन्हांकित किया गया था,जिसके मांग के आधार पेड़ों की कटाई की गई है।भविष्य में इसकी ध्यान रखी जायेगी। सड़क किनारे जगह नहीं है जिसके चलते अन्य जगह पौधे लगाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है।”
सुयशधर दिवान
एस डी ओ,वन विभाग पंडरिया