छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज बजट 2025-26 को प्रस्तुत करेंगे वित्त मंत्री ओपी चौधरी 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता वेतन विसंगति, अनियमिति कर्मचारियों के नियमितीकरण पर बड़ी घोषणाओं की उम्मीद
2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम: वित्त मंत्री
रायपुर प्रवक्ता .कॉम 03 मार्च सोमवार 2025
वित्त मंत्री ओपी चौधरी आगामी 3 मार्च 2025 को दोपहर 12:30 बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगे।
वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि इस वर्ष का बजट पिछले बजट की निरंतरता में एक और बड़ा कदम होगा। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘2047 तक विकसित भारत’ के संकल्प की तर्ज पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार का भी लक्ष्य ‘2047 तक विकसित छत्तीसगढ़’ का निर्माण करना है। इस दिशा में यह बजट नीतिगत सुधारों, आर्थिक सशक्तिकरण और राज्य के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।
वित्त मंत्री ने कहा आज का बजट ऐतिहासिक होगा–
वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने बीते वर्षों में आर्थिक, औद्योगिक, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। इस विकास यात्रा को और अधिक गति देने के लिए इस वर्ष का बजट पिछले वर्ष की तुलना में अधिक व्यापक और प्रभावी होगा। उन्होंने आगे कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था लगातार तेज़ी से आगे बढ़ रही है, जिससे विकास के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। राज्य सरकार की नीतियों का लाभ विशेष रूप से किसानों, महिलाओं, श्रमिकों, आवासहीन परिवारों और गरीब वर्ग को मिला है, जिससे जनता का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि जनता का यह आशीर्वाद ही सरकार की प्रेरणा है और यह बजट प्रदेश के विकास, आर्थिक सुधारों और जनहितकारी योजनाओं के दृष्टिकोण से ऐतिहासिक साबित होगा।
कर्मचारियों के लिए क्या क्या रहेगा इस पर होगी नजर–इस बार 2025–26 के बजट में छत्तीसगढ़ राज्य के कमचारियों के लिए क्या खास रहता है यह तो वित्त मंत्री के बजट भाषण में साफ होता चला जाएगा, लेकिन राज्य के तीन लाख 75 हजार से अधिक कर्मचारियों को इस बजट से बहुत उम्मीदें हैं । वित्त मंत्री की कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों से पूर्व की मुलाकातों में उन्हें सभी कर्मचारी संगठनों ने बताया है कि सरकार से कर्मचारी क्या चाहते हैं। बजट में महंगाई भत्ते के नियमित भुगतान के प्रावधान 3 प्रतिशत शेष महंगाई भत्ता प्रदाय करने ,सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति, अनियमित और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण, नगरीय निकाय कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन सहित कमर्चारियों की कई मांगे हैं।