मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने अनियमित स्थानांतरण की प्रकिया पर रोक लगाकर पारदर्शी नीति जारी करने की मांग की
मुख्यमंत्री समन्वय से हो रहे स्थानांतरण में प्रक्रिया तय होनी चाहिए
रायपुर प्रवक्ता.कॉम 16.12.24
छत्तीसगढ़ राज्य में कार्यरत 3.75 हजार कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण की कोई नीति 3 साल से जारी नहीं हुई है।
छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने मुख्य सचिव छ.ग. शासन को पत्र लिखकर मांग किया है कि प्रदेश में सुशासन की अवधारणा को स्थापित करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए शासन को स्पष्ट एवं पारदर्शी स्थानांतरण नीति जारी करना चाहिए।
मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत ने कहा है कि राज्य में 2022 के बाद से कोई भी स्थानांतरण हेतु नीति जारी नहीं की गई है,जिसके कारण ऐसे शासकीय सेवक जो अपने परिवार से दूर कार्य कर रहे हैं अथवा ऐसे कर्मचारी जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं । जिनको इलाज के लिए स्थानांतरण की आवश्यकता है, उनका स्थानांतरण नहीं हो रहा है।
मुख्यमंत्री समन्वय से होने वाले स्थानांतरण में आवेदन की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है –
राज्य में तीन साल से अधिक समय हो गया है ,शासन ने कोई नीति जारी नहीं की है। स्थानांतरण पर रोक है ।किन्तु मुख्यमंत्री समन्वय से स्थानांतरण हो रहे हैं, जिसमें आवेदन की प्रक्रिया क्या है, यह किसी को पता नहीं है ,आखिर मुख्यमंत्री को कैसे पता चलेगा कि किस कर्मचारी का स्थानांतरण करना है।इसके नियम क्या हैं, समन्वय के लिए आवेदन कहां और किस कार्यालय में जमा करना है ,यह भी तय नहीं है।
जिसके चलते सामान्य कर्मचारी अति आवश्यक परिस्थिति में भी इसका लाभ प्राप्त नहीं कर पाता है।
मुख्यमंत्री समन्वय में स्थानांतरण से शासन को आर्थिक क्षति हो रही है –
कई विभागों के द्वारा भारी संख्या में अधिकारियों के मुख्य मंत्री समन्वय में स्थानांतरण से शासन को प्रशासनिक स्थानांतरण करना पड़ता है ।जिसके कारण शासन को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय में फाइलों का बोझ भी बढ़ रहा है।
इसलिए छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ प्रदेश के समस्त /कर्मचारी/ अधिकारीरियो के लिए स्थानांतरण हेतु तत्काल, सुगम ,स्पष्ट, पारदर्शी स्थानांतरण नीति जारी करते हुए,प्रति वर्ष निर्धारित अवधि में स्थानांतरण करने की मांग की है।